राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बहादुरगंज प्रखंड में जनसुराज पार्टी द्वारा आयोजित ‘बदलाव सभा’ उस समय सवालों के घेरे में आ गई, जब सभा में मौजूद कई लोगों को यह तक नहीं मालूम था कि वे किस पार्टी या नेता की सभा में आए हैं। सभा में जुटी भीड़ से जब पत्रकारों ने बात की, तो सामने आया कि अधिकांश लोगों को यह तक पता नहीं था कि कार्यक्रम का आयोजक कौन है या पार्टी का नेता कौन है।
कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें भोजन और यात्रा सुविधा का वादा कर सभा में बुलाया गया। एक महिला ने कहा, “500 रुपये देने की बात हुई थी, लेकिन सिर्फ फोटो खींच लिया और पैसे नहीं दिए।” वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “नेता आ रहे थे, देखने आ गए।”
स्थानीय पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कई लोग भ्रमित नजर आए और स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दे पाए कि वे क्यों और किस उद्देश्य से सभा में शामिल हुए हैं।
इस स्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना जनसुराज पार्टी द्वारा भीड़ जुटाने के तौर-तरीकों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
एक सामाजिक चिंतक ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा – “जनता अब सिर्फ भीड़ नहीं है, वह समझती है कि किसे सुनना है और क्यों।”
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने राजनीति में आकर “व्यवस्था परिवर्तन” की बात कही थी, लेकिन उनकी इस सभा में जुटे लोग ही उनके दावों को झूठा साबित करते दिखे।
इस पूरे घटनाक्रम पर जनसुराज पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
