शशि कोशी रोक्का, किशनगंज, सारस न्यूज़ टीम।
किशनगंज जिले के विभिन्न थानों में जिला से लेकर थानास्तर तक कई महीनों से बंद पड़ा “साइबर सेनानी ग्रुप” अब केवल कुछ ही थानों में सक्रिय है। बिहार पुलिस द्वारा बनाए गए इस “साइबर सेनानी समूह” का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रामक और फर्जी संदेशों पर रोक लगाना था, ताकि सामाजिक अशांति और आर्थिक अराजकता को नियंत्रित किया जा सके।
यह पहल 2018 में शुरू की गई थी, जिसका नेतृत्व बिहार के पूर्व एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने किया था। शुरुआत में इस समूह के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे। खासकर पर्व-त्योहारों के दौरान अफवाहों को रोकने, गुमशुदा व्यक्तियों की खोज और अज्ञात शवों की पहचान में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हालांकि, समय के साथ इस समूह की प्रासंगिकता घटती गई। अब यह समूह निष्क्रिय हो गया है, जिसमें गैर-ज़रूरी और अनावश्यक संदेशों की भरमार हो चुकी है। कई जिम्मेदार नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता इससे दूर हो गए हैं, जिसके कारण समूह अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है और अब यह मनोरंजन और अनपेक्षित संदेशों का प्लेटफॉर्म बन गया है।
समाज के कुछ लोगों का मानना है कि जिला और थानास्तर पर साइबर सेनानी समूह को फिर से प्रासंगिक और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस को नए सिरे से प्रयास करने की जरूरत है। समूह में शामिल लोगों की स्क्रीनिंग की जानी चाहिए और समाज के प्रभावशाली और जिम्मेदार नागरिकों को इसमें जोड़ा जाना चाहिए, ताकि यह अपने मूल उद्देश्य को फिर से पूरा कर सके।
किशनगंज के पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने इस मामले पर कहा कि जल्द ही इस समूह की समीक्षा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।