किशनगंज शहर के रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर में गुरुवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना श्रद्धा और उत्साह के साथ की गई। कायस्थ समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा की। इस अवसर पर मंदिर परिसर भक्ति और आस्था से सराबोर रहा, जहां बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग एकत्र हुए।
पूजा-अर्चना और प्रसाद वितरण
पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान के चरणों में मत्था टेका और सुख, समृद्धि व बुद्धि-विवेक की कामना की। मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें सामूहिक रूप से श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर कायस्थ समाज के लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और सामाजिक एकता का संदेश दिया।
मंदिर को सजायागया
मंदिर को फूलों और रंगोली से सजाया गया था, जिसने उत्सव के माहौल को और भव्य बना दिया। कायस्थ समाज के वरिष्ठ सदस्य संजय सिन्हा ने बताया कि यह पर्व समाज के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भगवान चित्रगुप्त को कायस्थों का संस्थापक माना जाता है।
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख लोग।
इस आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान डॉ एके सिन्हा, दीपक श्रीवास्तव, अरबिन्द श्रीवास्तव, संजय सिन्हा, रूपक श्रीवास्तव, पारसान्त सिन्हा, अनिल श्रीवास्तव और मनोज सिन्हा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर में गुरुवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना श्रद्धा और उत्साह के साथ की गई। कायस्थ समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा की। इस अवसर पर मंदिर परिसर भक्ति और आस्था से सराबोर रहा, जहां बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग एकत्र हुए।
पूजा-अर्चना और प्रसाद वितरण
पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान के चरणों में मत्था टेका और सुख, समृद्धि व बुद्धि-विवेक की कामना की। मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें सामूहिक रूप से श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर कायस्थ समाज के लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और सामाजिक एकता का संदेश दिया।
मंदिर को सजायागया
मंदिर को फूलों और रंगोली से सजाया गया था, जिसने उत्सव के माहौल को और भव्य बना दिया। कायस्थ समाज के वरिष्ठ सदस्य संजय सिन्हा ने बताया कि यह पर्व समाज के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भगवान चित्रगुप्त को कायस्थों का संस्थापक माना जाता है।
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख लोग।
इस आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान डॉ एके सिन्हा, दीपक श्रीवास्तव, अरबिन्द श्रीवास्तव, संजय सिन्हा, रूपक श्रीवास्तव, पारसान्त सिन्हा, अनिल श्रीवास्तव और मनोज सिन्हा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
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