शतरंज खेल को जन–जन तक पहुँचाने और किशनगंज जिले के खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से कार्यरत जिला शतरंज संघ ने वर्ष 2024–25 में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए 135 शैक्षणिक एवं प्रतिस्पर्धात्मक कार्यक्रमों का सफल आयोजन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस उपलब्धि की जानकारी संघ के मानद महासचिव श्री शंकर नारायण दत्ता एवं आयोजन सचिव तथा संघ के लर्निंग पार्टनर ‘चेस क्रॉप्स’ के प्रमुख श्री कमल कर्मकार ने दी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष संघ द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रमों का संचालन किया गया:
🔹 23 ऑफलाइन एवं 32 ऑनलाइन प्रतियोगिताएं 🔹 1 जिला स्तरीय एवं 1 राज्य स्तरीय (SGFI) प्रतियोगिता 🔹 20 शतरंज प्रशिक्षण शिविर 🔹 12 विद्यालयों में शतरंज प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता 🔹 19 अन्य विविध गतिविधियाँ
इसके अतिरिक्त, जिले के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को विभिन्न स्तरों पर भागीदारी का अवसर भी मिला:
🔸 9 बार राज्य स्तर, 🔸 5 बार राष्ट्रीय स्तर, 🔸 8 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर, 🔸 एवं 5 प्रमुख बाह्य प्रतियोगिताओं में भागीदारी
इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन संघ से जुड़े लगभग 100 मानद सदस्यों द्वारा दी गई स्वैच्छिक निधियों के सहयोग से किया गया, जो संघ की सामूहिक प्रतिबद्धता और जनसहयोग को दर्शाता है।
संघ की संरचना में जिला पदाधिकारी पदेन अध्यक्ष होते हैं। संस्था की स्थापना वर्ष 1996 में हुई थी, और तब से ही श्री शंकर नारायण दत्ता (रूईधासा निवासी एवं भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी) मानद महासचिव तथा अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रशिक्षक श्री कमल कर्मकारआयोजन सचिव के रूप में सक्रिय हैं।
संघ के प्रयासों से जिले के बच्चों, युवाओं एवं महिलाओं में शतरंज के प्रति न केवल रुचि विकसित हुई है, बल्कि यह खेल उनके जीवन का एक संस्कार बन चुका है। अब तक:
✅ लगभग 200 खिलाड़ी राज्य स्तर पर सफलता प्राप्त कर चुके हैं ✅ 60 से अधिक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय FIDE रेटेड बन चुके हैं
शतरंज खेल के माध्यम से इन खिलाड़ियों ने अकादमिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि संघ के इन प्रयासों से किशनगंज का नया युवा वर्ग बौद्धिक रूप से परिष्कृत हुआ है और समाज की कई प्रचलित बुराइयों से दूर रहने में सफल रहा है।
जिला शतरंज संघ का यह प्रयास निश्चित रूप से किशनगंज जिले के लिए गर्व की बात है और अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
शतरंज खेल को जन–जन तक पहुँचाने और किशनगंज जिले के खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से कार्यरत जिला शतरंज संघ ने वर्ष 2024–25 में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए 135 शैक्षणिक एवं प्रतिस्पर्धात्मक कार्यक्रमों का सफल आयोजन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस उपलब्धि की जानकारी संघ के मानद महासचिव श्री शंकर नारायण दत्ता एवं आयोजन सचिव तथा संघ के लर्निंग पार्टनर ‘चेस क्रॉप्स’ के प्रमुख श्री कमल कर्मकार ने दी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष संघ द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रमों का संचालन किया गया:
🔹 23 ऑफलाइन एवं 32 ऑनलाइन प्रतियोगिताएं 🔹 1 जिला स्तरीय एवं 1 राज्य स्तरीय (SGFI) प्रतियोगिता 🔹 20 शतरंज प्रशिक्षण शिविर 🔹 12 विद्यालयों में शतरंज प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता 🔹 19 अन्य विविध गतिविधियाँ
इसके अतिरिक्त, जिले के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को विभिन्न स्तरों पर भागीदारी का अवसर भी मिला:
🔸 9 बार राज्य स्तर, 🔸 5 बार राष्ट्रीय स्तर, 🔸 8 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर, 🔸 एवं 5 प्रमुख बाह्य प्रतियोगिताओं में भागीदारी
इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन संघ से जुड़े लगभग 100 मानद सदस्यों द्वारा दी गई स्वैच्छिक निधियों के सहयोग से किया गया, जो संघ की सामूहिक प्रतिबद्धता और जनसहयोग को दर्शाता है।
संघ की संरचना में जिला पदाधिकारी पदेन अध्यक्ष होते हैं। संस्था की स्थापना वर्ष 1996 में हुई थी, और तब से ही श्री शंकर नारायण दत्ता (रूईधासा निवासी एवं भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी) मानद महासचिव तथा अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रशिक्षक श्री कमल कर्मकारआयोजन सचिव के रूप में सक्रिय हैं।
संघ के प्रयासों से जिले के बच्चों, युवाओं एवं महिलाओं में शतरंज के प्रति न केवल रुचि विकसित हुई है, बल्कि यह खेल उनके जीवन का एक संस्कार बन चुका है। अब तक:
✅ लगभग 200 खिलाड़ी राज्य स्तर पर सफलता प्राप्त कर चुके हैं ✅ 60 से अधिक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय FIDE रेटेड बन चुके हैं
शतरंज खेल के माध्यम से इन खिलाड़ियों ने अकादमिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि संघ के इन प्रयासों से किशनगंज का नया युवा वर्ग बौद्धिक रूप से परिष्कृत हुआ है और समाज की कई प्रचलित बुराइयों से दूर रहने में सफल रहा है।
जिला शतरंज संघ का यह प्रयास निश्चित रूप से किशनगंज जिले के लिए गर्व की बात है और अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी।