सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले में मानसून की दस्तक के साथ ही संक्रामक रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है। विशेषकर बच्चों में डायरिया (दस्त) और बड़ों में मियादी बुखार (टायफाइड) के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है और आमजन से सावधानी बरतने तथा संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेने की अपील की है।
टायफाइड : समय पर इलाज नहीं हुआ तो हो सकता है जानलेवा
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजर आलम के अनुसार, टायफाइड बुखार सालमोनेला टायफी बैक्टीरिया के कारण होता है जो दूषित पानी और संक्रमित भोजन से शरीर में प्रवेश करता है। उन्होंने बताया,
“तेज बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, पेट दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त या कब्ज इसके प्रमुख लक्षण हैं। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह बुखार जानलेवा साबित हो सकता है।”
डायरिया के मामले बढ़े, बच्चों के लिए गंभीर खतरा
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में छोटे बच्चों में डायरिया की शिकायतें बढ़ रही हैं। इसका मुख्य कारण है अशुद्ध जल, अस्वच्छ भोजन और वायरस-बैक्टीरिया का संक्रमण। उन्होंने चेताया,
“यदि बच्चों का मल बार-बार पतला हो और बच्चा सुस्त दिखे तो यह डायरिया हो सकता है। तुरंत ORS घोल और ज़िंक की गोली देना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।”
डायरिया सहित जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए जिले भर में 15 जुलाई से 14 सितंबर तक “स्टॉप डायरिया अभियान” चलाया जा रहा है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर ORS-ज़िंक का वितरण कर रही हैं और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक बना रही हैं।
✅ बचाव के उपाय – स्वास्थ्य विभाग की सिफारिशें:
सिविल सर्जन डॉ. चौधरी द्वारा बताए गए प्रमुख सुझाव:
- दूषित पानी और खुले खाद्य पदार्थों से परहेज करें
- ठेले पर मिलने वाले पेय पदार्थों, बर्फ वाले ड्रिंक्स से बचें
- सभी फल-सब्जी को साफ पानी से धोकर ही उपयोग करें
- खाना खाने से पहले और बाद में हाथ ज़रूर धोएं
- उबला या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं
- बच्चों को हल्का, ताजा और स्वच्छ भोजन दें
- डिब्बाबंद जूस व फ्रूट शुगर से परहेज करें
- बुखार, उल्टी या दस्त होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाएं
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें
⚠️ खाद्य और रसोई सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें:
- पका भोजन लंबे समय तक खुला न छोड़ें
- भोजन को 6°C से नीचे या 60°C से ऊपर तापमान पर ही सुरक्षित रखें
- कच्चे और पके खाद्य पदार्थों को अलग रखें
- फ्रिज में रखने से पहले सभी सामग्री को धो लें
- बासी भोजन विशेषकर बच्चों को न दें
🗣️ जिलाधिकारी की अपील – “सावधानी ही सुरक्षा है”
जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने आमजन से अपील करते हुए कहा,
“मानसून में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हमें अपने बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने के लिए सचेत रहना होगा। स्टॉप डायरिया अभियान से जुड़ें, स्वच्छता का पालन करें, और लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।”
उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं बल्कि हर नागरिक की है। डायरिया और टायफाइड जैसी बीमारियां बरसात में आम हैं लेकिन थोड़ी सी लापरवाही इन्हें खतरनाक बना सकती है। सभी अभिभावक, शिक्षक और समाज के लोग मिलकर सुनिश्चित करें कि कोई बच्चा बीमार न हो और हर किसी को समय पर इलाज मिले।