प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी, जिला पदाधिकारी ने दिए अहम निर्देश
राज्य में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिससे हर साल कई बच्चों की जान जाती है। इस बीमारी की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए मंगलवार को जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी विशाल राज ने की, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल हुए।
प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिले में AES/JE की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया गया कि 2024 में ठाकुरगंज के हजारो गांव और टेढ़ागाछ के कठलाबाड़ी गांव में JE(+) के मामले सामने आए थे। इसे देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ अफिशियल्स की विशेष निगरानी बढ़ाने और सर्विलांस टीम को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया।
जिला पदाधिकारी ने दिए अहम निर्देश
1. JE टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश
किशनगंज, कोचाधामन और टेढ़ागाछ प्रखंडों में अभी तक JE टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर 95% टीकाकरण लक्ष्य पूरा किया जाए।
2. अस्पतालों में विशेष तैयारी
SOP-2024 के तहत सभी CHC/PHC में AES/JE मरीजों के लिए 5 बेड आरक्षित करने और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
3. समुदाय में जागरूकता अभियान
पंचायती राज, शिक्षा, पशुपालन, परिवहन एवं अन्य विभागों को निर्देश दिया गया कि AES/JE से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
4. विद्यालयों में चमकी बुखार पर दीवार पेंटिंग
शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया कि बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में चमकी बुखार से बचाव के संदेशों की दीवार पेंटिंग करवाई जाए।
5. मीडिया प्रचार-प्रसार को बढ़ावा
जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिया गया कि AES/JE से बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से नियमित रूप से किया जाए।
सभी विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
बैठक में प्रखंड के नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं PHED, ICDS, पंचायती राज, शिक्षा, पशुपालन, परिवहन और जीविका सहित विभागों को जोड़कर प्रखंड टास्क फोर्स का गठन किया जाए तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर AES/JE से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
समय पर रिपोर्टिंग के निर्देश
बैठक में जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि AES/JE से जुड़े मामलों की समय पर रिपोर्टिंग करें और नियमित रूप से जिला प्रशासन को जानकारी दें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि AES/JE की रोकथाम को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर सभी पंचायतों में एंबुलेंस, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के वाहन एवं निजी वाहनों को जोड़ने का भी निर्देश दिया गया, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी, जिला पदाधिकारी ने दिए अहम निर्देश
राज्य में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिससे हर साल कई बच्चों की जान जाती है। इस बीमारी की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए मंगलवार को जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी विशाल राज ने की, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल हुए।
प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिले में AES/JE की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया गया कि 2024 में ठाकुरगंज के हजारो गांव और टेढ़ागाछ के कठलाबाड़ी गांव में JE(+) के मामले सामने आए थे। इसे देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ अफिशियल्स की विशेष निगरानी बढ़ाने और सर्विलांस टीम को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया।
जिला पदाधिकारी ने दिए अहम निर्देश
1. JE टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश
किशनगंज, कोचाधामन और टेढ़ागाछ प्रखंडों में अभी तक JE टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर 95% टीकाकरण लक्ष्य पूरा किया जाए।
2. अस्पतालों में विशेष तैयारी
SOP-2024 के तहत सभी CHC/PHC में AES/JE मरीजों के लिए 5 बेड आरक्षित करने और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
3. समुदाय में जागरूकता अभियान
पंचायती राज, शिक्षा, पशुपालन, परिवहन एवं अन्य विभागों को निर्देश दिया गया कि AES/JE से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
4. विद्यालयों में चमकी बुखार पर दीवार पेंटिंग
शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया कि बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में चमकी बुखार से बचाव के संदेशों की दीवार पेंटिंग करवाई जाए।
5. मीडिया प्रचार-प्रसार को बढ़ावा
जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिया गया कि AES/JE से बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से नियमित रूप से किया जाए।
सभी विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
बैठक में प्रखंड के नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं PHED, ICDS, पंचायती राज, शिक्षा, पशुपालन, परिवहन और जीविका सहित विभागों को जोड़कर प्रखंड टास्क फोर्स का गठन किया जाए तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर AES/JE से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
समय पर रिपोर्टिंग के निर्देश
बैठक में जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि AES/JE से जुड़े मामलों की समय पर रिपोर्टिंग करें और नियमित रूप से जिला प्रशासन को जानकारी दें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि AES/JE की रोकथाम को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर सभी पंचायतों में एंबुलेंस, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के वाहन एवं निजी वाहनों को जोड़ने का भी निर्देश दिया गया, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।
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