सारस न्यूज, किशनगंज।
डेंगू और चिकनगुनिया प्रबंधन पर जिला स्तरीय प्रशिक्षण, चिकित्सा अधिकारियों को सशक्त बनाने की पहल।
डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए गुरुवार को सदर अस्पताल प्रांगण में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और गैर-संचारी रोग पदाधिकारी सहित कई चिकित्सा अधिकारी शामिल हुए।
प्रशिक्षण में मिली महत्वपूर्ण जानकारी:
इस प्रशिक्षण में डेंगू और चिकनगुनिया के सही समय पर निदान, उपचार और रोकथाम के उपायों पर जोर दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा, “मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना ही इन बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। आमजन को जागरूक करना बेहद जरूरी है कि वे घर और आसपास पानी जमा न होने दें।”
कैसे करें बचाव?
- घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
- कूलर, गमलों, टायर और खुले बर्तनों में पानी न रखें।
- पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
- मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएं।
- बुखार होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और प्लेटलेट काउंट की जांच कराएं।
जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव:
गैर-संचारी रोग पदाधिकारी ने डेंगू के गंभीर मामलों में अस्पतालों में उपलब्ध उपचार सुविधाओं की जानकारी दी और कहा कि तेज बुखार, लाल चकत्ते या शरीर में दर्द होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि जिले में फॉगिंग, लार्वा नियंत्रण और स्वच्छता अभियानों को तेज किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने आमजन से अपील की कि वे इन बीमारियों के लक्षणों को हल्के में न लें और समय पर चिकित्सा सहायता लें। उन्होंने कहा कि “समुदाय की भागीदारी से ही डेंगू और चिकनगुनिया पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है।”