जिले के प्रत्येक नागरिक को समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार, एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार समेत विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों ने भाग लिया। जिलाधिकारी ने जिले में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (NCD) नियंत्रण, टीबी उन्मूलन, एनीमिया मुक्त अभियान, परिवार नियोजन कार्यक्रम, टीकाकरण व्यवस्था और एसएनसीयू (गंभीर नवजात शिशु देखभाल इकाई) सुविधाओं को और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-स्वास्थ्य केंद्रों के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन (NQAS) प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने और राज्य को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया।
एनसीडी मेगा ड्राइव : 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए वरदान
स्वास्थ्य केंद्रों में गैर-संचारी रोग (NCD) नियंत्रण अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए गए। मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, अल्जाइमर, मोतियाबिंद, पार्किंसन, स्ट्रोक जैसी बीमारियों की पहचान और उपचार के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मार्च तक मेगा ड्राइव चलाई जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में इन रोगों की संभावना अधिक होती है, इसलिए सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों की जांच कराई जाए।
टीबी मुक्त पंचायत : लक्ष्य हासिल करने का संकल्प
जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से सभी प्रखंडों में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए संक्रमित मरीजों की पहचान और उनका तत्काल उपचार अत्यंत आवश्यक है। कुछ पंचायतों को पहले ही टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है, लेकिन अब इस संख्या को और बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को शत-प्रतिशत टीबी स्क्रीनिंग और उपचार का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित लोगों की पहचान और उनकी चिकित्सीय सहायता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए, ताकि जिले को एनीमिया मुक्त बनाया जा सके।
परिवार नियोजन : जागरूकता से जनसंख्या संतुलन की ओर बढ़ता कदम
स्वास्थ्य विभाग को परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान अधिक से अधिक लोगों को इस सुविधा से जोड़ने का निर्देश दिया गया। ✔ स्थायी विधियों के तहत बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी सेवाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। ✔ अस्थायी उपायों में ईजी पिल्स (आपातकालीन गर्भनिरोधक), माला-एन (दैनिक गोली), छाया (साप्ताहिक गोली), अंतरा (तीन माह की सुई), कॉपर टी और कंडोम की उपलब्धता हर स्वास्थ्य केंद्र पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
टीकाकरण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर विशेष जोर
जिलाधिकारी ने मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, टीकाकरण और पोषण व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया गया कि गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व एवं प्रसवोत्तर जांच, आयरन एवं कैल्शियम की नियमित खुराक और सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत व्यवस्था सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक (NQAS) के अनुरूप विकसित किया जाए, ताकि जिले की रैंकिंग को और बेहतर किया जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, हर नागरिक तक पहुंचेगी सुविधा
बैठक के अंत में जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के हर नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधाएं निर्बाध रूप से पहुंचाई जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा से वंचित अंतिम व्यक्ति तक इस सुविधा को पहुंचाना हमारा नैतिक कर्तव्य है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं जनहित में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका अधिकतम लाभ तभी मिलेगा जब लोगों को इनकी जानकारी होगी और वे इनका लाभ उठाएंगे। इसलिए जागरूकता अभियान भी उतना ही जरूरी है जितना कि चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले के प्रत्येक नागरिक को समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार, एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार समेत विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों ने भाग लिया। जिलाधिकारी ने जिले में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (NCD) नियंत्रण, टीबी उन्मूलन, एनीमिया मुक्त अभियान, परिवार नियोजन कार्यक्रम, टीकाकरण व्यवस्था और एसएनसीयू (गंभीर नवजात शिशु देखभाल इकाई) सुविधाओं को और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-स्वास्थ्य केंद्रों के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन (NQAS) प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने और राज्य को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया।
एनसीडी मेगा ड्राइव : 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए वरदान
स्वास्थ्य केंद्रों में गैर-संचारी रोग (NCD) नियंत्रण अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए गए। मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, अल्जाइमर, मोतियाबिंद, पार्किंसन, स्ट्रोक जैसी बीमारियों की पहचान और उपचार के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मार्च तक मेगा ड्राइव चलाई जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में इन रोगों की संभावना अधिक होती है, इसलिए सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों की जांच कराई जाए।
टीबी मुक्त पंचायत : लक्ष्य हासिल करने का संकल्प
जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से सभी प्रखंडों में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए संक्रमित मरीजों की पहचान और उनका तत्काल उपचार अत्यंत आवश्यक है। कुछ पंचायतों को पहले ही टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है, लेकिन अब इस संख्या को और बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को शत-प्रतिशत टीबी स्क्रीनिंग और उपचार का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित लोगों की पहचान और उनकी चिकित्सीय सहायता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए, ताकि जिले को एनीमिया मुक्त बनाया जा सके।
परिवार नियोजन : जागरूकता से जनसंख्या संतुलन की ओर बढ़ता कदम
स्वास्थ्य विभाग को परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान अधिक से अधिक लोगों को इस सुविधा से जोड़ने का निर्देश दिया गया। ✔ स्थायी विधियों के तहत बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी सेवाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। ✔ अस्थायी उपायों में ईजी पिल्स (आपातकालीन गर्भनिरोधक), माला-एन (दैनिक गोली), छाया (साप्ताहिक गोली), अंतरा (तीन माह की सुई), कॉपर टी और कंडोम की उपलब्धता हर स्वास्थ्य केंद्र पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
टीकाकरण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर विशेष जोर
जिलाधिकारी ने मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, टीकाकरण और पोषण व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया गया कि गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व एवं प्रसवोत्तर जांच, आयरन एवं कैल्शियम की नियमित खुराक और सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत व्यवस्था सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक (NQAS) के अनुरूप विकसित किया जाए, ताकि जिले की रैंकिंग को और बेहतर किया जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, हर नागरिक तक पहुंचेगी सुविधा
बैठक के अंत में जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के हर नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधाएं निर्बाध रूप से पहुंचाई जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा से वंचित अंतिम व्यक्ति तक इस सुविधा को पहुंचाना हमारा नैतिक कर्तव्य है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं जनहित में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका अधिकतम लाभ तभी मिलेगा जब लोगों को इनकी जानकारी होगी और वे इनका लाभ उठाएंगे। इसलिए जागरूकता अभियान भी उतना ही जरूरी है जितना कि चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार।