पांच दिवसीय पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान का शुभारंभ सोमवार को जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गाछपाड़ा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया। यह अभियान 17 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा, जिसका लक्ष्य जिले के 3.20 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना है। जिला पदाधिकारी ने दवा पिलाते हुए कहा, “पल्स पोलियो अभियान न केवल हमारे बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि देश के भविष्य को भी सुरक्षित बनाता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।” उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं।
पल्स पोलियो अभियान की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विश्व के कई हिस्सों में अभी भी पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में सक्रिय पोलियो वायरस के कारण भारत में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा, “पोलियो वायरस शिशुओं में विकलांगता का प्रमुख कारण है। इस अभियान के माध्यम से बच्चों को इस घातक बीमारी से बचाया जा सकता है।”
अभियान की मुख्य विशेषताएं
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत जिले में 3.20 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
टीमें और उनकी तैनाती:
1052 टीमें अभियान में शामिल।
927 हाउस-टू-हाउस टीमें, 90 ट्रांजिट टीमें, और 25 मोबाइल टीमें बनाई गई हैं।
सभी टीमों की निगरानी के लिए 315 सुपरवाइजर नियुक्त।
अभियान में 2092 टीकाकर्मी और 21542 वायल्स उपयोग की योजना।
विशेष स्थानों पर ध्यान:
ईंट भट्टों, बासा, और घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में मोबाइल टीमें तैनात।
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, और चौक-चौराहों पर टीकाकर्मियों की विशेष नियुक्ति।
दूरस्थ क्षेत्रों में कवरेज:
दूर-दराज के इलाकों में बच्चों को दवा सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी टीमें गठित।
सुरक्षा और निगरानी के प्रबंध
डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान की निगरानी के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स गठित किए गए हैं। प्रत्येक सुपरवाइजर को तीन टीमें निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे।
स्वास्थ्य विभाग का संदेश
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “पड़ोसी देशों में पोलियो के सक्रिय मामलों के कारण भारत में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि पांच वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को पोलियो की दवा पिलाएं।”
जिला पदाधिकारी की अपील
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “आइए, हम सब मिलकर पोलियो को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक कदम और बढ़ाएं।”
उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थिति
इस शुभारंभ कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मुनाजीम, और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
पांच दिवसीय पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान का शुभारंभ सोमवार को जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गाछपाड़ा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया। यह अभियान 17 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा, जिसका लक्ष्य जिले के 3.20 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना है। जिला पदाधिकारी ने दवा पिलाते हुए कहा, “पल्स पोलियो अभियान न केवल हमारे बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि देश के भविष्य को भी सुरक्षित बनाता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।” उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं।
पल्स पोलियो अभियान की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विश्व के कई हिस्सों में अभी भी पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में सक्रिय पोलियो वायरस के कारण भारत में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा, “पोलियो वायरस शिशुओं में विकलांगता का प्रमुख कारण है। इस अभियान के माध्यम से बच्चों को इस घातक बीमारी से बचाया जा सकता है।”
अभियान की मुख्य विशेषताएं
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत जिले में 3.20 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
टीमें और उनकी तैनाती:
1052 टीमें अभियान में शामिल।
927 हाउस-टू-हाउस टीमें, 90 ट्रांजिट टीमें, और 25 मोबाइल टीमें बनाई गई हैं।
सभी टीमों की निगरानी के लिए 315 सुपरवाइजर नियुक्त।
अभियान में 2092 टीकाकर्मी और 21542 वायल्स उपयोग की योजना।
विशेष स्थानों पर ध्यान:
ईंट भट्टों, बासा, और घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में मोबाइल टीमें तैनात।
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, और चौक-चौराहों पर टीकाकर्मियों की विशेष नियुक्ति।
दूरस्थ क्षेत्रों में कवरेज:
दूर-दराज के इलाकों में बच्चों को दवा सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी टीमें गठित।
सुरक्षा और निगरानी के प्रबंध
डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान की निगरानी के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स गठित किए गए हैं। प्रत्येक सुपरवाइजर को तीन टीमें निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे।
स्वास्थ्य विभाग का संदेश
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “पड़ोसी देशों में पोलियो के सक्रिय मामलों के कारण भारत में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि पांच वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को पोलियो की दवा पिलाएं।”
जिला पदाधिकारी की अपील
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “आइए, हम सब मिलकर पोलियो को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक कदम और बढ़ाएं।”
उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थिति
इस शुभारंभ कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मुनाजीम, और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।