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नशा मुक्त भारत अभियान – डी. आर. डी. ए. कनकई सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शनिवार को किशनगंज जिला अंतर्गत सभी विकास मित्रों को मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करने हेतु डी. आर. डी. ए. कनकई सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त, किशनगंज स्पर्श गुप्ता एवं रविशंकर तिवारी सहायक निदेशक ,जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, किशनगंज के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। स्टेट लेवल समन्वय एजेंसी से प्रशिक्षक के रूप में श्री सुशील शर्मा के द्वारा सभी मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने हेतु भेजा गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में उप विकास आयुक्त श्री स्पर्श गुप्ता ने कहा कि नशे की लत ने हमारे परिवार, समाज और देश को खोखला कर दिया है। जिस राष्ट्रनिर्माण का स्वप्न हमारे महापुरुषों ने देखा था वो तब तक नहीं पूरा होगा जब तक हमारी युवा पीढ़ी और समाज के हर तबके के सदस्य नशे के चंगुल से आजाद न हो जाएं। सभी विकास मित्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आए हुए प्रशिक्षक श्री सुशील शर्मा से प्रश्न उत्तर के माध्यम से एक एक बिंदु पर संशय दूर कर लें ताकि मास्टर प्रशिक्षकों के रूप में वे अपने उत्तरदायित्व को पूरी निष्ठा से निभा सकें।

श्री सुशील शर्मा ने सभी प्रकार के नशे जैसे खैनी, सिगरेट, गुटका, तम्बाकू, शराब, स्मैक, हीरोइन, अफीम, चरस, गांजा, भांग, नशीली दवाओं से होनेवाले शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताते हुए उनसे कैसे बचा जाय और नशे की लत से बाहर निकलने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए – इसके बारे में विस्तार से बताया। सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने कहा कि नशे की लत से निकलने के लिए इच्छाशक्ति, व्यावहारिक परिवर्तन, दिनचर्या में अनुशासन, व्यायाम, स्वस्थ भोजन, परिवार एवं समाज के सदस्यों से संवाद तथा आवश्यकतानुसार इलाज की आवश्यकता है। यह परिवार पर आर्थिक दवाब पैदा करता है एवं परिवार में वैमनस्य को जन्म देता है। नशा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और परिवार से शुरू करते हुए समाज को नशामुक्त बनाने में सभी को सजग रहकर कार्य करना होगा। युवाओं में चोरी, पॉकेटमारी, चैन स्नेचिंग से लेकर डकैती जैसे अपराध के मूल में भी नशे की लत है। इस गंभीर समस्या को समाप्त करने के लिए हर एक व्यक्ति को संकल्प लेना होगा।

सरकार द्वारा संचालित “नशा मुक्त भारत अभियान” को आज राष्ट्रव्यापी स्तर पर एक नया मोड़ दिया गया। इस अभियान का उद्देश्य देशभर में नशे की लत को खत्म करना और समाज में इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना है।यह अभियान न केवल युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि इससे नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों को उपचार और पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

अभियान के प्रमुख उद्देश्य:-

नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना – यह अभियान नशे के खतरों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में आम जनता को जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
वृद्धि और पुनर्वास – नशे की लत में फंसे लोगों को चिकित्सीय उपचार और मानसिक समर्थन प्रदान करना ताकि वे समाज में फिर से अपने जीवन की शुरुआत कर सकें।

समाज में जागरूकता – सभी उम्र के लोगों के बीच विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में नशे से जुड़ी समस्याओं पर जागरूकता फैलाना।

कानूनी कार्रवाई – नशे के व्यापार और अवैध शराब या ड्रग्स के व्यापार के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान के तहत विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, शिक्षा संस्थानों, और स्थानीय निकायों से सहयोग लिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह अभियान हर समुदाय और हर वर्ग तक पहुंचे।
हम सभी को मिलकर नशे के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ी है। नशे से प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास और चिकित्सा उपचार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। यह अभियान न केवल लोगों को नशे से मुक्त करने के लिए है, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध समाज की दिशा में एक कदम है।”

नशा मुक्त भारत अभियान को एक सामूहिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें सभी नागरिक, विशेष रूप से युवा, नशे की गिरफ्त से बाहर निकलने के लिए प्रेरित होंगे।

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