दीपावली और छठ महापर्व को लेकर प्रखंड के प्रमुख बाजारों — फुलवरिया, मटियारी, झाला आदि में festive रौनक दिखाई देने लगी है। बाजारों में खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। खासकर मिट्टी से बने दीयों, कलश, सूप, रंग-बिरंगे कपड़े और मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों की खासी चहल-पहल देखी जा रही है।
शुक्रवार को फुलवरिया बाजार में मिट्टी से बने सामान बेचने आए दुकानदारों के स्टॉल पर खरीदारों की भीड़ देखने को मिली। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आए कारीगर यहां अपने हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ मौजूद हैं।
पिपरा गांव के रहने वाले परशुराम पंडित, जो वर्षों से मिट्टी के दीये और कलश बनाते आ रहे हैं, ने बताया कि पहले की तुलना में अब बिक्री में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा, “इन वस्तुओं को तैयार करने में काफी मेहनत लगती है, लेकिन मेहनत के अनुसार दाम नहीं मिल पाता।”
बाजार में इस बार दीपावली के लिए विभिन्न प्रकार के दीयों की बिक्री हो रही है। छोटे दीये 15 रुपये प्रति दर्जन और बड़े दीये पांच रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक रहे हैं। इसके अलावा रंग-बिरंगी झालरें, सजावटी सामग्री और पूजा-सामग्री की भी अच्छी खासी मांग देखी जा रही है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
दीपावली और छठ महापर्व को लेकर प्रखंड के प्रमुख बाजारों — फुलवरिया, मटियारी, झाला आदि में festive रौनक दिखाई देने लगी है। बाजारों में खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। खासकर मिट्टी से बने दीयों, कलश, सूप, रंग-बिरंगे कपड़े और मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों की खासी चहल-पहल देखी जा रही है।
शुक्रवार को फुलवरिया बाजार में मिट्टी से बने सामान बेचने आए दुकानदारों के स्टॉल पर खरीदारों की भीड़ देखने को मिली। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आए कारीगर यहां अपने हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ मौजूद हैं।
पिपरा गांव के रहने वाले परशुराम पंडित, जो वर्षों से मिट्टी के दीये और कलश बनाते आ रहे हैं, ने बताया कि पहले की तुलना में अब बिक्री में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा, “इन वस्तुओं को तैयार करने में काफी मेहनत लगती है, लेकिन मेहनत के अनुसार दाम नहीं मिल पाता।”
बाजार में इस बार दीपावली के लिए विभिन्न प्रकार के दीयों की बिक्री हो रही है। छोटे दीये 15 रुपये प्रति दर्जन और बड़े दीये पांच रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक रहे हैं। इसके अलावा रंग-बिरंगी झालरें, सजावटी सामग्री और पूजा-सामग्री की भी अच्छी खासी मांग देखी जा रही है।
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