भोरहा पंचायत के पुराना टेढ़ागाछ वार्ड नंबर दो में रतवा नदी की भीषण कटाव के कारण ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए चंदा इकट्ठा कर बांस, बल्ली और पेड़ों का उपयोग कर घर, सड़क और उबजाऊ जमीन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कटाव की सूचना मिलने पर बीडीओ गनोर पासवान और सीओ शशि कुमार ने स्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। बीडीओ गनोर पासवान ने जलनिसरण विभाग के जूनियर इंजीनियर प्रमान्द कुमार को कटाव की जानकारी दी।
ग्रामीणों ने बताया कि सूचना देने के बावजूद भी विभाग और जनप्रतिनिधियों द्वारा कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया है, जिससे उनमें आक्रोश है। दो दिन पहले महिलाओं ने प्रशासन और विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। पुराना टेढ़ागाछ, भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे पिछले तीन वर्षों से कटाव रोधी कार्य के लिए विभाग और जनप्रतिनिधियों को लिखित आवेदन दे रहे हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमावर्ती लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
समय रहते यदि कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया, तो दर्जनों घर नदी में विलीन हो सकते हैं और प्रखंड मुख्यालय को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी नदी में समा सकती है। रतवा नदी में जल वृद्धि तेजी से हो रही है, जिससे किनारे बसे लोग रात भर जागते रहते हैं।
सारस न्यूज़, टेढ़ागाछ, किशनगंज।
भोरहा पंचायत के पुराना टेढ़ागाछ वार्ड नंबर दो में रतवा नदी की भीषण कटाव के कारण ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए चंदा इकट्ठा कर बांस, बल्ली और पेड़ों का उपयोग कर घर, सड़क और उबजाऊ जमीन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कटाव की सूचना मिलने पर बीडीओ गनोर पासवान और सीओ शशि कुमार ने स्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। बीडीओ गनोर पासवान ने जलनिसरण विभाग के जूनियर इंजीनियर प्रमान्द कुमार को कटाव की जानकारी दी।
ग्रामीणों ने बताया कि सूचना देने के बावजूद भी विभाग और जनप्रतिनिधियों द्वारा कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया है, जिससे उनमें आक्रोश है। दो दिन पहले महिलाओं ने प्रशासन और विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। पुराना टेढ़ागाछ, भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे पिछले तीन वर्षों से कटाव रोधी कार्य के लिए विभाग और जनप्रतिनिधियों को लिखित आवेदन दे रहे हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमावर्ती लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
समय रहते यदि कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया, तो दर्जनों घर नदी में विलीन हो सकते हैं और प्रखंड मुख्यालय को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी नदी में समा सकती है। रतवा नदी में जल वृद्धि तेजी से हो रही है, जिससे किनारे बसे लोग रात भर जागते रहते हैं।
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