बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के दूसरे चरण में जिले में हुए मतदान के बाद जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को डबल लॉक की कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। विदित हो कि किशनगंज जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के 1366 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया गया।
मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद, उपयोग की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों व निर्वाचन अभिकर्ताओं तथा केन्द्रीय प्रेक्षकों की उपस्थिति में पूरी वीडियोग्राफी कराते हुए, बज्रगृह स्थित स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में विधानसभा क्षेत्रवार निर्मित पोल्ड ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में सीलबंद कर सुरक्षित रखा गया है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी विशाल राज ने बताया कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए व्यापक और अभेद्य सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार तीन-स्तरीय है। प्रथम स्तर यानी अंदरूनी भाग की जिम्मेदारी केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों को सौंपी गई है। द्वितीय स्तर यानी बाहरी शस्त्र सुरक्षा व्यवस्था आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार दो स्तरीय शस्त्र सुरक्षा बल के जिम्मे है। तृतीय स्तर यानी परिसर की बाहरी सुरक्षा के लिए जिला पुलिस बल को तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के दूसरे चरण में जिले में हुए मतदान के बाद जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को डबल लॉक की कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। विदित हो कि किशनगंज जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के 1366 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया गया।
मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद, उपयोग की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों व निर्वाचन अभिकर्ताओं तथा केन्द्रीय प्रेक्षकों की उपस्थिति में पूरी वीडियोग्राफी कराते हुए, बज्रगृह स्थित स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में विधानसभा क्षेत्रवार निर्मित पोल्ड ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में सीलबंद कर सुरक्षित रखा गया है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी विशाल राज ने बताया कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए व्यापक और अभेद्य सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार तीन-स्तरीय है। प्रथम स्तर यानी अंदरूनी भाग की जिम्मेदारी केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों को सौंपी गई है। द्वितीय स्तर यानी बाहरी शस्त्र सुरक्षा व्यवस्था आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार दो स्तरीय शस्त्र सुरक्षा बल के जिम्मे है। तृतीय स्तर यानी परिसर की बाहरी सुरक्षा के लिए जिला पुलिस बल को तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
Leave a Reply