बिहार में लॉटरी पर 1993 से प्रतिबंध होने के बावजूद किशनगंज जिले में अवैध लॉटरी का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। अब यह धंधा और खतरनाक हो गया है, क्योंकि नकली लॉटरी टिकटों की बिक्री ने गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूटने का नया खेल शुरू कर दिया है। शहर के काजलमनी, पश्चिम पाली, सुभाषपल्ली, चूड़ीपट्टी, लहरा चौक, मस्तान चौक, गाछपाड़ा और पिपला चौक जैसे इलाकों में यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को काजलमनी, खगड़ा, कर्बला चौक के स्थानीय माफिया चला रहे हैं, जो नकली लॉटरी टिकटों की बिक्री को अंजाम दे रहे हैं। चाय-पान की दुकानों, साइबर कैफे और चौक-चौराहों पर लॉटरी टिकट बिक रहे हैं। रातोंरात करोड़पति बनने का लालच देकर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार में लॉटरी पर 1993 से प्रतिबंध होने के बावजूद किशनगंज जिले में अवैध लॉटरी का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। अब यह धंधा और खतरनाक हो गया है, क्योंकि नकली लॉटरी टिकटों की बिक्री ने गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूटने का नया खेल शुरू कर दिया है। शहर के काजलमनी, पश्चिम पाली, सुभाषपल्ली, चूड़ीपट्टी, लहरा चौक, मस्तान चौक, गाछपाड़ा और पिपला चौक जैसे इलाकों में यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को काजलमनी, खगड़ा, कर्बला चौक के स्थानीय माफिया चला रहे हैं, जो नकली लॉटरी टिकटों की बिक्री को अंजाम दे रहे हैं। चाय-पान की दुकानों, साइबर कैफे और चौक-चौराहों पर लॉटरी टिकट बिक रहे हैं। रातोंरात करोड़पति बनने का लालच देकर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है।
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