राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है, जो 30 नवंबर तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य पुरुषों को परिवार नियोजन की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करना और महिला बंध्याकरण पर निर्भरता को कम करना है।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि समाज में पुरुष नसबंदी को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण की तुलना में अधिक सरल, सुरक्षित और कम समय लेने वाली प्रक्रिया है। इसे अपनाने से न तो शारीरिक कमजोरी होती है और न ही यह स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव डालता है।
क्या है योजना का लक्ष्य?
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान दो और तीन बच्चों वाले पिता को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही एक बच्चे वाले पिता को अस्थायी साधनों, जैसे कंडोम, के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
जागरूकता अभियान कैसे हो रहा है?
- प्रखंड स्तर पर जागरूकता: आशा कार्यकर्ता और माइकिंग के माध्यम से लोगों को शिक्षित किया जा रहा है।
- स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं: सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, कॉपर-टी, और पुरुषों के लिए कंडोम जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- स्थायी समाधान: महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी के लिए सुविधाएं भी सभी अस्पतालों में मौजूद हैं।
पुरुष नसबंदी क्यों है सरल?
सिविल सर्जन ने बताया कि यह प्रक्रिया बेहद मामूली है और इसके लिए विशेष देखभाल या लंबे समय तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी से ही “छोटा परिवार, सुखी परिवार” की अवधारणा को साकार किया जा सकता है।
समाज की सोच बदलें, जिम्मेदारी निभाएं और छोटे परिवार की ओर कदम बढ़ाएं—यही स्वस्थ समाज की कुंजी है।