पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज द्वारा 31 मई को अर्राबाड़ी पंचायत रायपुर में 22 वी किसान संवाद सह पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। किसान संवाद सह पशु चिकित्सा शिविर में विश्व दूध दिवस 2024 के उपलक्ष में पशुपालकों को जागरूक करने के लिए स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालकों की भूमिका विषय पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। पशुपालकों ने स्वच्छ दूध उत्पादन के बारे में अपने अनुभव साझा किए। पशु चिकित्सा महाविद्यालय डीन डॉ. चंद्रहास ने बताया कि स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालक एक प्रारंभिक और बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। स्वस्थ पशु से ही स्वच्छ दूध का उत्पादन हो सकता है इस दिशा में, महाविद्यालय पशुपालकों को जागरूक करने एवं उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर होकर काम कर रहा है। पशुपालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के लगभग 10 वैज्ञानिकों ने मार्गदर्शन किया। इस दौरान लगभग 22 पशुपालक परिवारों से उनके द्वार पर संपर्क कर पशुपालन से संबंधित वैज्ञानिक गतिविधियों एवं पशुपालन महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर दूध उत्पादन से संबंधित पत्रिका एवं पशुओं के लिए खनिज तत्वों, कृमिनाशक दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया गया। पशु चिकित्सा शिविर में 63 छोटे-बड़े जानवरों का इलाज किया गया एवं बीमारियों के निदान से संबंधित दवाइयों का वितरण किया गया। किसान संवाद के माध्यम से पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा भी उनके द्वार पर प्रदान की जा रही है। किसान संवाद कार्यक्रम में पशुपालकों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया एवं द्वार पर आकर पशुपालन से संबंधित समस्याओं के निराकरण के प्रयास के लिए वैज्ञानिकों एवं महाविद्यालय का आभार व्यक्त किया।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, बहादुरगंज।
पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज द्वारा 31 मई को अर्राबाड़ी पंचायत रायपुर में 22 वी किसान संवाद सह पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। किसान संवाद सह पशु चिकित्सा शिविर में विश्व दूध दिवस 2024 के उपलक्ष में पशुपालकों को जागरूक करने के लिए स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालकों की भूमिका विषय पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। पशुपालकों ने स्वच्छ दूध उत्पादन के बारे में अपने अनुभव साझा किए। पशु चिकित्सा महाविद्यालय डीन डॉ. चंद्रहास ने बताया कि स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्वच्छ दूध उत्पादन में पशुपालक एक प्रारंभिक और बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। स्वस्थ पशु से ही स्वच्छ दूध का उत्पादन हो सकता है इस दिशा में, महाविद्यालय पशुपालकों को जागरूक करने एवं उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर होकर काम कर रहा है। पशुपालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के लगभग 10 वैज्ञानिकों ने मार्गदर्शन किया। इस दौरान लगभग 22 पशुपालक परिवारों से उनके द्वार पर संपर्क कर पशुपालन से संबंधित वैज्ञानिक गतिविधियों एवं पशुपालन महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर दूध उत्पादन से संबंधित पत्रिका एवं पशुओं के लिए खनिज तत्वों, कृमिनाशक दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया गया। पशु चिकित्सा शिविर में 63 छोटे-बड़े जानवरों का इलाज किया गया एवं बीमारियों के निदान से संबंधित दवाइयों का वितरण किया गया। किसान संवाद के माध्यम से पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा भी उनके द्वार पर प्रदान की जा रही है। किसान संवाद कार्यक्रम में पशुपालकों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया एवं द्वार पर आकर पशुपालन से संबंधित समस्याओं के निराकरण के प्रयास के लिए वैज्ञानिकों एवं महाविद्यालय का आभार व्यक्त किया।
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