राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
उफ! यह गर्मी, लोगों के मुंह से बस यही शब्द निकल रहे हैं। दोपहर के समय ऐसा लगता है मानो आसमान से आग बरस रही हो। सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है, और लोग घरों में दुबके रहते हैं। भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। संक्रामक रोग भी पैर पसारने लगे हैं।
अश्विन का महीना आमतौर पर बरसात और खुशनुमा मौसम के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट है। तपती गर्मी ने लोगों को पसीने से तर-बतर कर दिया है। सुबह से ही गर्मी का एहसास शुरू हो जाता है, और 10 बजे के बाद तो बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। दोपहर में गर्म हवाओं के चलते लोग झुलसने की स्थिति में पहुंच जाते हैं। कुल मिलाकर जिले में लू जैसे हालात बन गए हैं।
गर्मी से बचने के लिए लोग बिना किसी खास जरूरत के घरों और प्रतिष्ठानों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। अगर बाहर निकलना जरूरी हो, तो लोग पूरी तरह से शरीर को ढककर और आंखों पर चश्मा लगाकर ही बाहर जा रहे हैं। तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच चुका है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।