किशनगंज: संभावित भीषण बाढ़ 2025 से निपटने की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय वेश्म में जिला प्रशासन और सेना के बीच उच्च स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की संयुक्त अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री विशाल राज और कर्नल मनोज राठी (कमांडिंग ऑफिसर, बेंगडुबी मिलिट्री स्टेशन, सिलीगुड़ी) ने की।
सेना की ओर से 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन और सैन्य इकाइयों के बीच रीयल टाइम समन्वय स्थापित करना था।
पिछले अनुभवों से सीखा, सामुदायिक रसोई रही कारगर
बैठक के दौरान डीएम विशाल राज ने वर्ष 2024 की बाढ़ की स्थिति और उस दौरान की गई प्रशासनिक तैयारियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से सामुदायिक रसोई और चिकित्सा सेवाओं की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए बताया कि संकट के समय यह व्यवस्थाएं प्रभावित लोगों के लिए जीवन रेखा बनकर उभरी थीं। उन्होंने यह भी बताया कि बीते वर्ष मदरसा भवन से लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचनाएं प्रसारित कर आमजनों को समय पर सतर्क किया गया था।
तथ्य और तैयारियाँ: एक नज़र में
1. पॉलिथीन शीट्स: • 9812 शीट्स उपलब्ध | 3500 और शीट्स की मांग की गई है।
2. नावों की व्यवस्था: • 08 सरकारी नावें परिचालन में | SDRF के पास 07 मोटर बोट | 37 निजी नाव मालिकों से अनुबंध।
3. राहत शिविर व रसोई केंद्र: • 220 राहत शिविरों और सामुदायिक रसोई केंद्रों की पहचान हो चुकी है।
4. आश्रय स्थल: • सभी अंचलों में बाढ़ आश्रय स्थलों की पहचान की जा चुकी है।
5. स्वास्थ्य सेवाएँ: • 31 प्रकार की आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध | 08 पीएचसी, 74 स्वास्थ्य शिविर, और 11 मोबाइल मेडिकल टीम सक्रिय।
6. तटबंध संरक्षण: • जिले के 14 बिंदुओं पर कटाव निरोधक कार्य जारी, जिनमें ठाकुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, बहादुरगंज और किशनगंज के संवेदनशील गांव शामिल हैं।
7. पशुधन सुरक्षा: • चारा, दवाओं व अस्थायी पशु शिविरों की व्यवस्था की गई है।
8. SOP के अनुरूप तैयारी: • संवेदनशील इलाकों में बालू, बोरियां, झोपड़ियों का स्टॉक | संघर्षात्मक कार्रवाई हेतु सतर्कता।
9. पथ अवसंरचना: • बीते वर्ष बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए 62 रास्तों की मरम्मत | पुल-पुलियों की सफाई जारी।
10. SDRF और प्रशिक्षण: • पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण, मॉकड्रिल और स्थानीय वालंटियर्स को बचाव कार्यों का प्रशिक्षण।
11. RRT (रैपिड रिस्पॉन्स टीम): • नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई हेतु विशेष टीमें गठित।
12. सैन्य सहायता: • आपदा की स्थिति में ठाकुरगंज में 19वीं बटालियन और दिघलबैंक में 12वीं बटालियन को किया गया अलर्ट मोड पर तैनात।
निर्णय और निष्कर्ष
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाढ़ पूर्व सभी तैयारियों की पुनः समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर समन्वय बैठकें फिर से आयोजित की जाएंगी। सेना और जिला प्रशासन के बीच निरंतर संवाद और संयुक्त कार्रवाई से आपदा की स्थिति में तेज़, सटीक और मानवीय प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज: संभावित भीषण बाढ़ 2025 से निपटने की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय वेश्म में जिला प्रशासन और सेना के बीच उच्च स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की संयुक्त अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री विशाल राज और कर्नल मनोज राठी (कमांडिंग ऑफिसर, बेंगडुबी मिलिट्री स्टेशन, सिलीगुड़ी) ने की।
सेना की ओर से 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन और सैन्य इकाइयों के बीच रीयल टाइम समन्वय स्थापित करना था।
पिछले अनुभवों से सीखा, सामुदायिक रसोई रही कारगर
बैठक के दौरान डीएम विशाल राज ने वर्ष 2024 की बाढ़ की स्थिति और उस दौरान की गई प्रशासनिक तैयारियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से सामुदायिक रसोई और चिकित्सा सेवाओं की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए बताया कि संकट के समय यह व्यवस्थाएं प्रभावित लोगों के लिए जीवन रेखा बनकर उभरी थीं। उन्होंने यह भी बताया कि बीते वर्ष मदरसा भवन से लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचनाएं प्रसारित कर आमजनों को समय पर सतर्क किया गया था।
तथ्य और तैयारियाँ: एक नज़र में
1. पॉलिथीन शीट्स: • 9812 शीट्स उपलब्ध | 3500 और शीट्स की मांग की गई है।
2. नावों की व्यवस्था: • 08 सरकारी नावें परिचालन में | SDRF के पास 07 मोटर बोट | 37 निजी नाव मालिकों से अनुबंध।
3. राहत शिविर व रसोई केंद्र: • 220 राहत शिविरों और सामुदायिक रसोई केंद्रों की पहचान हो चुकी है।
4. आश्रय स्थल: • सभी अंचलों में बाढ़ आश्रय स्थलों की पहचान की जा चुकी है।
5. स्वास्थ्य सेवाएँ: • 31 प्रकार की आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध | 08 पीएचसी, 74 स्वास्थ्य शिविर, और 11 मोबाइल मेडिकल टीम सक्रिय।
6. तटबंध संरक्षण: • जिले के 14 बिंदुओं पर कटाव निरोधक कार्य जारी, जिनमें ठाकुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, बहादुरगंज और किशनगंज के संवेदनशील गांव शामिल हैं।
7. पशुधन सुरक्षा: • चारा, दवाओं व अस्थायी पशु शिविरों की व्यवस्था की गई है।
8. SOP के अनुरूप तैयारी: • संवेदनशील इलाकों में बालू, बोरियां, झोपड़ियों का स्टॉक | संघर्षात्मक कार्रवाई हेतु सतर्कता।
9. पथ अवसंरचना: • बीते वर्ष बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए 62 रास्तों की मरम्मत | पुल-पुलियों की सफाई जारी।
10. SDRF और प्रशिक्षण: • पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण, मॉकड्रिल और स्थानीय वालंटियर्स को बचाव कार्यों का प्रशिक्षण।
11. RRT (रैपिड रिस्पॉन्स टीम): • नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई हेतु विशेष टीमें गठित।
12. सैन्य सहायता: • आपदा की स्थिति में ठाकुरगंज में 19वीं बटालियन और दिघलबैंक में 12वीं बटालियन को किया गया अलर्ट मोड पर तैनात।
निर्णय और निष्कर्ष
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाढ़ पूर्व सभी तैयारियों की पुनः समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर समन्वय बैठकें फिर से आयोजित की जाएंगी। सेना और जिला प्रशासन के बीच निरंतर संवाद और संयुक्त कार्रवाई से आपदा की स्थिति में तेज़, सटीक और मानवीय प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।