सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
वर्ष 2011 में केंद्र सरकार द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर किशनगंज जिले के गलगलिया से रक्सौल बॉर्डर तक इस सड़क के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई थी। यह सड़क किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ प्रखंडों से होते हुए अररिया जिले में प्रवेश करती है। सड़क निर्माण के लिए पहले से बनी कच्ची सड़कों पर मौजूद छोटे पुल-पुलियों को तोड़कर नए पुल-पुलियों का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन अधिकांश पुल-पुलियों का कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। इस कारण से सीमावर्ती इलाकों के लोगों को विशेष रूप से बरसात के मौसम में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सबसे गंभीर समस्या यह है कि कई स्थानों पर एक-एक किलोमीटर, आधा-आधा किलोमीटर या दो-दो किलोमीटर सड़क बनी हुई है, लेकिन बीच में अधूरी छोड़ दी गई है। कुछ स्थानों पर दोनों ओर सड़क बना दी गई है, लेकिन बीच में पुल का निर्माण नहीं किया गया है। यह सड़क निर्माण 14 वर्षों से अधूरा पड़ा है, और अगर यही स्थिति बनी रही, तो अगले 4-5 वर्षों में भी इसके पूरा होने की संभावना नहीं दिखती।
इस सड़क का निर्माण कार्य पथ निर्माण विभाग के अधीन है। यदि यह सड़क पूरी हो जाती है, तो किशनगंज जिले के सीमावर्ती गांवों का न केवल विकास होगा, बल्कि छात्रों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिलेगी और चौक-चौराहों पर नए हाट-बाजार विकसित होने से किसानों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।