किशनगंज में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मास्टर मुजाहिद आलम वक्फ संशोधन कानून को लेकर काफी समय से नाराज़ चल रहे थे। उनका कहना था कि यह कानून समुदाय के अधिकारों के लिए खतरा है। पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। इस्तीफे के बाद किशनगंज जेडीयू कार्यालय से उनके सभी पोस्टर हटा दिए गए हैं। वहीं, उनके इस्तीफे से जिले में पार्टी की स्थिति और कमजोर हुई है। जेडीयू के नेताओं ने कहा है कि वे आलम के योगदान की सराहना करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि आलम भविष्य में पार्टी के साथ काम करेंगे। वहीं, आलम के समर्थकों का कहना है कि उनका इस्तीफा जेडीयू की भविष्य की योजनाओं को प्रभावित करेगा। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मास्टर मुजाहिद आलम अपने राजनीतिक भविष्य के लिए क्या कदम उठाते हैं। साथ ही यह भी देखना है कि जेडीयू इस चुनौती से कैसे निपटती है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मास्टर मुजाहिद आलम वक्फ संशोधन कानून को लेकर काफी समय से नाराज़ चल रहे थे। उनका कहना था कि यह कानून समुदाय के अधिकारों के लिए खतरा है। पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। इस्तीफे के बाद किशनगंज जेडीयू कार्यालय से उनके सभी पोस्टर हटा दिए गए हैं। वहीं, उनके इस्तीफे से जिले में पार्टी की स्थिति और कमजोर हुई है। जेडीयू के नेताओं ने कहा है कि वे आलम के योगदान की सराहना करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि आलम भविष्य में पार्टी के साथ काम करेंगे। वहीं, आलम के समर्थकों का कहना है कि उनका इस्तीफा जेडीयू की भविष्य की योजनाओं को प्रभावित करेगा। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मास्टर मुजाहिद आलम अपने राजनीतिक भविष्य के लिए क्या कदम उठाते हैं। साथ ही यह भी देखना है कि जेडीयू इस चुनौती से कैसे निपटती है।
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