भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं बटालियन के भकसरभिट्ठा बीओपी में सोमवार को एसएसबी व स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें तस्करी व अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर रोकथाम को लेकर ग्रामीणों से सहयोग मांगा गया। भारत नेपाल की खुली सीमा पर पहरेदारी के साथ सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और तस्करी पर रोक लगाने पर जोर दिया गया। खासकर असामाजिक तत्वों के द्वारा अफवाह फैलाने, दोनों देशों के नागरिकों को गुमराह करने व उकसाने को लेकर अगाह किया गया। बैठक के दौरान बीओपी प्रभारी मोहन उप्रेती ने भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में विभिन्न सामग्री की तस्करी एवं अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एसएसबी अधिकारी ने ग्रामीणों से सहयोग की आवश्यकता बताई।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील किया कि अपने गांव या आसपास किसी भी संदिग्ध को देखने पर उसकी सूचना तुरंत हमें दे। सूचना दिए जाने के बाद त्वरित कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि एसएसबी लोगों के लिए लगातार तरह-तरह की योजना चला रही है। जैसे कि सिलाई, कंप्यूटर, खेल प्रतियोगिता इत्यादि की ट्रेनिग महिलाओं को दी जा रही है। प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं व युवतियां स्वयं स्वरोजगार कर जीविकोपार्जन कर सके। सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को विकास के लिए अधिक से अधिक जागरूक करना एसएसबी का प्रयास है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं बटालियन के भकसरभिट्ठा बीओपी में सोमवार को एसएसबी व स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें तस्करी व अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर रोकथाम को लेकर ग्रामीणों से सहयोग मांगा गया। भारत नेपाल की खुली सीमा पर पहरेदारी के साथ सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और तस्करी पर रोक लगाने पर जोर दिया गया। खासकर असामाजिक तत्वों के द्वारा अफवाह फैलाने, दोनों देशों के नागरिकों को गुमराह करने व उकसाने को लेकर अगाह किया गया। बैठक के दौरान बीओपी प्रभारी मोहन उप्रेती ने भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में विभिन्न सामग्री की तस्करी एवं अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एसएसबी अधिकारी ने ग्रामीणों से सहयोग की आवश्यकता बताई।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील किया कि अपने गांव या आसपास किसी भी संदिग्ध को देखने पर उसकी सूचना तुरंत हमें दे। सूचना दिए जाने के बाद त्वरित कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि एसएसबी लोगों के लिए लगातार तरह-तरह की योजना चला रही है। जैसे कि सिलाई, कंप्यूटर, खेल प्रतियोगिता इत्यादि की ट्रेनिग महिलाओं को दी जा रही है। प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं व युवतियां स्वयं स्वरोजगार कर जीविकोपार्जन कर सके। सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को विकास के लिए अधिक से अधिक जागरूक करना एसएसबी का प्रयास है।
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