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गलगलिया-भद्रपुर बॉर्डर: दुर्गा पूजा नजदीक आते ही सीमा पर बढ़ी तस्करों की सक्रियता- भारत निर्मित कपड़ों की तस्करी जोरों पर, सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का लग रहा चूना।

चंदन मंडल, सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।

भारत-नेपाल सीमा हमेशा काला कारोबार करने वाले तस्करों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। खुली सीमा का लाभ उठाकर तस्कर आसानी से माल पार कर लेते हैं। विशेष रूप से भारत निर्मित कपड़े की तस्करी में काफी इजाफा हो गया है। दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर (रविवार) से शुरू होने जा रहा है। इससे सीमा पर कपड़े की तस्करी और बढ़ गई है। सीमा पर सक्रिय कुख्यात तस्कर संगठित गिरोह बनाकर हर रोज लाखों रुपये के कपड़े की खुलेआम नेपाल में तस्करी कर रहे हैं। ये तस्कर भारत सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। साथ ही नेपाल सरकार को भारी राजस्व का घाटा हो रहा है। जबकि तस्करों को पकड़ने में सीमा पर तैनात एसएसबी मौन धारण किए हुए हैं। कस्टम विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। सूत्रों के अनुसार खोरीबाड़ी प्रखंड के डांगुजोत, कादोमनीजोत, रामधनजोत, ताराबाड़ी व डांगुजोत से सटे बिहार के गलगलिया थाना क्षेत्र के रास्ते भारी मात्रा में कपड़े की तस्करी नेपाल हो रही है।

तस्कर बिना टैक्स दिए कर रहे तस्करी, केंद्र व राज्य सरकार के प्रहरी हो रहे विफल:

चिंता की बात यह है कि तस्कर बिना टैक्स और कस्टम के अवैध रास्तों से तस्करी कर भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। जबकि बोर्डर पर केंद्र एवं राज्य सरकार के सजग प्रहरी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। यहां इनकी इजाजत के बगैर परिंदा भी पर नही मार सकता है। बावजूद इसके सीमा पर तस्करों की सक्रियता चिंता बढ़ाने वाली है। कुख्यात तस्कर इन दिनों भारत से नेपाल के लिए कपड़े के अलावे मवेशी, दाल, चीनी, हार्डवेयर, स्टेशनरी एवं इलेक्ट्रानिक सामान सहित अन्य सामानों की तस्करी कर रहे हैं। ऐसे तस्कर सरकार को बिना टैक्स दिए एक देश से दूसरे देश में खुली सीमा का फायदा उठाकर सामान तस्करी करते हैं। तस्करी का यह खेल सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों का अवैध तरीके से एक व्यापार बन गया है। अधिकांश लोग खुली सीमा आने वाले तस्करी के सामान का स्थानीय स्तर पर व्यापार करते हैं। जो सरकार को बिना टैक्स चुकाए राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं।

तस्करों की कस्टम व एसएसबी से सांठगांठ से हो रही सीमा पर तस्करी:

खुली सीमा से तस्करी के दौरान तस्कर कभी-कभार सीमा सुरक्षा में जुटे एसएसबी के हत्थे भी चढ़ते हैं। अन्यथा खुली सीमा का फायदा उठाकर चोरी-छिपे तस्करी के धंधा में संलिप्त रहता है। तस्कर एसएसबी से सेटिंग कर भारत का सस्ता सामान नेपाल और नेपाल का सस्ता सामान भारत लाकर बेचते हैं। सूत्रों ने आगे बताया कि नेपाल के कपड़ा व्यापारी तस्करों या कैरियर एजेंटों से कपड़े मंगा रहे हैं। एसएसबी सीमावर्ती इलाकों तस्करी भारत से नेपाल हो रही है। एक खेप के लिए तस्करों और कैरियर एजेंटों को कुल मूल्य का 20 से 25 प्रतिशत कमीशन मिलता है। इसी कमीशन के लालच में यह अवैध कारोबार फल फूल रहा है। सीमा शुल्क ना देनी पड़े इसके कारण यह अवैध धंधा चल रहा है। सूत्रों की माने तो पूरे कारोबार में तस्करों का कस्टम व एसएसबी से बेहतर सांठगांठ से हो रहा है।

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