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गलगलिया में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने ईद की नमाज अता कर रमजान के पाक महीने का किया समापन

विजय गुप्ता, सारस न्यूज़,गलगलिया, किशनगंज।

भारत-नेपाल सीमावर्ती थाना क्षेत्र गलगलिया में पवित्र रमजान माह की समाप्ति पर ईद-उल-फितर का त्यौहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ आज मंगलवार को मनाया जा रहा है।अकीदतमंद नमाज अदा करने के लिए सुबह से ही लोग मस्जिद टोला,लकड़ी डिपू, नेमबुगुड़ी, नेंगड़ाडूबा, डिम हाट, चेचना भीठा,भकसरभीठा आदि ईदगाहों व मस्जिदों में जुटकर रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने ईद की नमाज अता कर रमजान के पाक महीने का समापन किया।नमाज-ए-ईद में लोगों ने सुख,शान्ति व समृद्धि की दुआ के बाद एक दूसरे को गले लगकर ईद कि मुबारकबाद दी। इस्लामी संप्रदाय के लिए इस पवित्र त्यौहार के आगमन की सूचना भी आकाश में दिखाई देने वाला नया चांद देता है। चांद के दीदार के बाद ईद मनायी जाती है।कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्ष यह त्योहार फीका रहा मगर इस बार पूरे एक महीने के रोजे के बाद ईद की धूम मची है। रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरे एक महीने तक अल्लाह की इबादत कर लोगों के लिए सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगी और अब आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ सब मिल-जुलकर ईद को लेकर पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में मना रहे हैं।ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान भी होता है।

जकात का है महत्व

जकात (दान) का महत्व ईद के दिन सबसे ज्यादा होता है। इस दिन लोग रमजान माह के दौरान हुई भूलों के लिए अल्लाह से माफी मांगते है और इस पवित्र माह में अपने रोजे के सकुशल सम्पन्न होने पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं।

ईद की खुशी, शीर खुरमा और सेवईयां

30 दिन के रोज़ों के बाद ईद का त्यौहार आता है।ईद के अवसर पर हर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के घर में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। ईद के व्यंजन न सिर्फ खाने में बेहद लज़ीज़ होते हैं, वरन पचने में भी आसान होते हैं। रमजान के 30 दिनों की इबादत के बाद लजीज व्यंजनों का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस मौके पर शीरखुरमा और सेवइयां तो बनती ही हैं, साथ ही नमकीन चीज़ों के बिना भी यह त्योहार अधूरा माना जाता है। इस शीर खुरमा और सेवइयां खाने के लिए लोग जरूर जाते हैं और गले मिलकर ईद मुबारक की बधाईयां देते हैं।

नमाज के दौरान पुलिस-प्रशासन का रहा पुख्ता इंतजाम

नमाज के बाद हिंदु भाइयों ने भी मुस्लिम भाइयों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।नमाज के दौरान पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे।जगह-जगह चौकीदार व अन्य पुलिस कर्मी को तैनात की गई थी ताकि शान्ति व्यवस्था भंग न हो।इसके अलावे गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार खुद अपने दल बल के साथ क्षेत्र में गश्त करते नजर आ रहे थे।

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