सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में लोक आस्था का महापर्व छठ महोत्सव शुक्रवार को ही नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। इसके बाद शनिवार को व्रती महिलाएं खरना व्रत के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। रविवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और सोमवार को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा।
गलगलिया सीमा वासियों ने छठबेदी की साफ सफाई मेची नदी में करने के साथ ही घरों पर भी तैयारी करनी शुरू कर दी है। इसके अलावा घरों पर महिलाओं ने भी पूजा को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। यह पर्व नेपाल के लोगों को भी काफी पंसद आता है और काफी संख्या में लोग नेपाल के भद्रपुर, चंद्रगढ़ी, बनियानी, घोड़ामारा से इसे देखने गलगलिया मेची घाट पर आते हैं। भारत के अलावा नेपाल में भी इसकी धूम रहती है। छठ पूजा में फल और सब्जियों का विशेष महत्व होता है। बाजारों में दुकानदार अलग से छठ पूजा की सभी सामग्री के साथ फल और सब्जियां बेच रहे हैं। कच्ची हल्दी, कच्चा अदरक, कच्चा नारियल, केला, आंवला, सीताफल, मूली हर चीज से बाजार गुलजार है। खरीददार फलों और सब्जियों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। छठ के लिए जरूरी फल और सब्जी महंगी भी बिक रही हैं। छठ में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों एवं फलों के दाम बढ़ गए हैं पर यह महंगाई लोगों की आस्था को डिगाने में सफल नहीं दिख रही। पूजा सामग्रियों व फलों की ऊंची कीमतों की परवाह किए बगैर लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी दूसरों से सहयोग लेकर इस व्रत की तैयारी में लगे हुए हैं।
पर्व को लेकर बाजारों में फलों व सामानों के भाव: सेब- 90 से 100 रुपये प्रति किलो, नारंगी- 100 से 200 रुपये प्रति किलो, नाशपाती- 80 रुपये किलो, अनार- 180 से 200 रुपये किलो, ईख- 20 से 25 रुपये प्रति पीस, केला- 150 से 200 प्रति घौड़।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में लोक आस्था का महापर्व छठ महोत्सव शुक्रवार को ही नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। इसके बाद शनिवार को व्रती महिलाएं खरना व्रत के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। रविवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और सोमवार को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा।
गलगलिया सीमा वासियों ने छठबेदी की साफ सफाई मेची नदी में करने के साथ ही घरों पर भी तैयारी करनी शुरू कर दी है। इसके अलावा घरों पर महिलाओं ने भी पूजा को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। यह पर्व नेपाल के लोगों को भी काफी पंसद आता है और काफी संख्या में लोग नेपाल के भद्रपुर, चंद्रगढ़ी, बनियानी, घोड़ामारा से इसे देखने गलगलिया मेची घाट पर आते हैं। भारत के अलावा नेपाल में भी इसकी धूम रहती है। छठ पूजा में फल और सब्जियों का विशेष महत्व होता है। बाजारों में दुकानदार अलग से छठ पूजा की सभी सामग्री के साथ फल और सब्जियां बेच रहे हैं। कच्ची हल्दी, कच्चा अदरक, कच्चा नारियल, केला, आंवला, सीताफल, मूली हर चीज से बाजार गुलजार है। खरीददार फलों और सब्जियों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। छठ के लिए जरूरी फल और सब्जी महंगी भी बिक रही हैं। छठ में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों एवं फलों के दाम बढ़ गए हैं पर यह महंगाई लोगों की आस्था को डिगाने में सफल नहीं दिख रही। पूजा सामग्रियों व फलों की ऊंची कीमतों की परवाह किए बगैर लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी दूसरों से सहयोग लेकर इस व्रत की तैयारी में लगे हुए हैं।
पर्व को लेकर बाजारों में फलों व सामानों के भाव: सेब- 90 से 100 रुपये प्रति किलो, नारंगी- 100 से 200 रुपये प्रति किलो, नाशपाती- 80 रुपये किलो, अनार- 180 से 200 रुपये किलो, ईख- 20 से 25 रुपये प्रति पीस, केला- 150 से 200 प्रति घौड़।
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