विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
संतान की लंबी आयु के लिए किए जाने वाला पर्व जितिया शुक्रवार को सीमा क्षेत्र के ठाकुरगंज गलगलिया में मनाया गया। इस तीन दिवसीय व्रत में पहले दिन यानि गुरुवार को नहाय-खाय और दूसरे दिन माताएं खर जितिया यानी निर्जला व्रत रखी और तीसरे दिन शनिवार की सुबह पारण के साथ यह पर्व संपन्न होगा। माताएं अश्विन माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तिथि तक जितिया का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार एक बार देवी पार्वती एक स्त्री को विलाप करते देखकर व्यथित होकर भगवान शंकर के पास पहुंची। देवी पार्वती ने स्त्री के व्यथित होने का कारण पूछा तो भगवान शंकर ने बताया कि स्त्री का पुत्र कम आयु में ही चल बसा जिस कारण विलाप कर रही है। देवी पार्वती ने इसके निदान का उपाय भगवान शंकर से पूछा तो उन्होंने बताया कि पुत्रों की लंबी आयु के लिए मां जितिया का व्रत कर पुत्र दीर्घायु होगा। जितिया पर्व पर मां ईश्वर की आराधना करती है। इस पर्व में जितिया गुंथवाने के साथ मड़ुआ का आटा, नोनी साग, सतपुतिया, झिंगनी, कंदा, मकई का बाल, खीरा आदि का काफी महत्व होता है।
नोनी के साग का विशेष महत्व :
जितिया व्रत में नोनी के साग का विशेष महत्व है। नोनी का साग थोड़ा सा जमीन पर लगा देने से वह बहुत ज्यादा पसर जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस तरह से वंश वृद्धि होती है। इस पर्व में ऐसी चीजें खाई जाती हैं, जो ज्यादा फैलने वाली होती हैं। मडुआ का आटा भी फैलता है।
