सारस न्यूज, वेब डेस्क।
प्रेम
प्रेम भाव है प्रेम प्रतिज्ञा
प्रेम जीवन का गहना है,
बड़ा अनूठा अनुपम दिखता
जिसने इसको पहना है।
प्रेम से मिटते द्वेष भाव सब
कलह क्लेश मिट जाता है,
प्रेम बिना इस भव सागर में
कौन भला रह पाता है।
प्रेम की बोली बड़ी निराली
बनते सारे बिगड़े काम,
अगर खुशी से जीना हो तो
सब लो इसका आँचल थाम।
प्रेम बिना य़ह जग है सूना
प्रेम जगत आधार,
प्रेम की बोली हर मन जाने
प्रेम है जीवन धार ।
प्रेम की बोली मधुरस घोले
मिटते दुःख विषाद,
प्रेम भाव से मिट जाते हैं
बड़े-बड़े अवसाद।
प्रेम हृदय की अनमोल पूंजी
प्रेम न बीके बाजार,
परम सत्य य़ह जान ले प्राणी
प्रेम जगत का सार।
बिंदु अग्रवाल