सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बधाई नहीं दोगे??
ना तुम मिले ना तुम्हारी तस्वीर दुहाई नहीं दोगे
मेरी तरसती हुई निगाहों को बधाई नहीं दोगे ..?
अधूरा रह गया सफर मेरा मिल गई मंजिल तुम्हें
मेरी उन अधूरी राहों को बधाई नहीं दोगे..?
डूब गए जो कभी गम के अंधेरे आगोश में
तुम्हें ढूंढती मेरी बाहों को बधाई नहीं दोगे..?
यह माना की गलती हमारी निगाहों ने की थी
मेरे दिल की सर्द आहों को बधाई नहीं दोगे..?
धीरे-धीरे जिंदगी की खुशियां मुझसे दूर हो रही है
दस्तक देती गम की लकीरों को बधाई नहीं दोगे..?
तुम्हारे बिना हर खुशी अब अधूरी है हमारी
अगले जन्म में मिलने की बधाई नहीं दोगे..?
बिंदु अग्रवाल