इंतजार में तुम्हारे
विरह तप्त हृदय मेरा तुम चीर मिलन बन आओ,
प्यासा मेरे हृदय का उपवन घनघोर घटा बन छाओ।
प्रिय दरस को व्याकुल नैना तुम इनमें आन समाओ
एक बार जो आन मिलो तुम वापस कभी ना जाओ।
अधरों पर प्रिय नाम तुम्हारा तुम ईनकी प्यास बुझाओ
हर धड़कन में गीत तुम्हारा तुम सरगम बन जाओ।
मधुरस बरसे कानों में जब तुम आवाज़ लगाओ,
नाच उठे मन मयूरा मेरा तुम कोई गीत सुनाओ।
इंतजार में तुम भी तो कभी अपनी राह सजाओ
बिरह वेदना असहय हो तब मुझको पास बुलाओ
तड़प तड़प अवसान दिवस का अब ना रैन जगाओ,
मिटे अंधेरा इस जीवन का ऐसा दीप जलाओ ।
Bindu Agarwal
