शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
साइबर अपराधों में वृद्धि को देखते हुए गलगलिया थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने आम जनता को साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं। पुलिस सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने साइबर क्राइम से बचने के उपायों पर जोर दिया और लोगों को सचेत किया कि वे कैसे साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने विशेष रूप से ओटीपी साझा करने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि “कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से ओटीपी साझा न करें।” इसके अलावा, उन्होंने अनजान वीडियो कॉल और जॉब फिशिंग जैसे धोखाधड़ी के तरीकों से भी बचने की सलाह दी। राकेश कुमार ने यह भी कहा कि लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे में नहीं आना चाहिए, क्योंकि भारतीय कानून में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं होती।
साइबर अपराधियों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, थानाध्यक्ष ने निम्नलिखित सुरक्षा उपायों की सिफारिश की:
- ओटीपी (One Time Password) को किसी के साथ साझा न करें: ओटीपी सिर्फ सुरक्षा के लिए भेजा जाता है, और इसे किसी से साझा करना आपके बैंक अकाउंट, मोबाइल या लैपटॉप को हैक होने का कारण बन सकता है।
- गूगल ऑथेंटिकेटर जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करें: ये ऐप्स आपके लेन-देन और लॉगिन गतिविधियों को और सुरक्षित बनाते हैं।
- अनजान वीडियो कॉल से बचें: किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल रिसीव करने से बचें, क्योंकि साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल आपकी निजी जानकारी जुटाने के लिए कर सकते हैं।
- ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे से बचें: भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई प्रक्रिया नहीं होती। साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी बनकर आपको ऑनलाइन गिरफ्तारी का झांसा देकर पैसे की मांग कर सकते हैं।
- फर्जी संदेशों से सावधान रहें: कुछ फर्जी संदेशों में बिजली या गैस कनेक्शन काटने की धमकी दी जाती है, जो साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी करने का एक तरीका है।
इसके अतिरिक्त, थानाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से भी बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अपनी जन्मतिथि, पता, फोन नंबर, और बैंक डिटेल्स जैसे संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक न करें और केवल करीबी दोस्तों के साथ ही साझा करें।
साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। राकेश कुमार ने अंत में सभी नागरिकों से अपील की कि वे हमेशा सुरक्षा उपायों का पालन करें और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें, ताकि वे साइबर अपराध से सुरक्षित रह सकें।