जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गर्भवती महिलाओं से अपील की है कि वे प्रसव घर पर न कराएं, बल्कि अस्पताल में ही करवाएं। घर पर प्रसव कराने से जच्चा और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर ख़तरे हो सकते हैं।
जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में निम्नलिखित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं:
गर्भवती महिलाओं के लिए:
निःशुल्क प्रसव
निःशुल्क सिज़ेरियन ऑपरेशन (जिला अस्पताल में)
निःशुल्क दवाइयां और जांच
सामान्य प्रसव के लिए 3 दिन और सिज़ेरियन के लिए 7 दिन तक निःशुल्क भोजन
निःशुल्क रक्त सुविधा
घर से अस्पताल और वापस निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा
नवजात शिशु के लिए (जन्म के बाद 30 दिन तक):
निःशुल्क उपचार और दवाइयां
निःशुल्क जांच और रक्त सुविधा
निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा
मुफ़्त एम्बुलेंस सेवा के लिए टोल-फ्री नंबर 102 पर कॉल करें।
सरकार ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूताओं को ₹1400 और शहरी क्षेत्र की प्रसूताओं को ₹1000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।
गर्भावस्था में ज़रूरी कदम:
गर्भवती होने का पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण कराएं।
गर्भवती महिला को चार प्रसवपूर्व (ANC) जांच कराना अनिवार्य है:
पहली जांच: पहली माहवारी छूटते ही या तीन महीने के भीतर।
दूसरी जांच: गर्भावस्था के चौथे से छठे महीने के बीच।
तीसरी जांच: गर्भावस्था के सातवें से आठवें महीने में।
चौथी जांच: गर्भावस्था के नवें महीने में।
किसी भी समस्या के लिए टोल-फ्री नंबर 104 पर कॉल करें। अधिक जानकारी के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा दीदी से संपर्क करें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गर्भवती महिलाओं से अपील की है कि वे प्रसव घर पर न कराएं, बल्कि अस्पताल में ही करवाएं। घर पर प्रसव कराने से जच्चा और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर ख़तरे हो सकते हैं।
जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में निम्नलिखित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं:
गर्भवती महिलाओं के लिए:
निःशुल्क प्रसव
निःशुल्क सिज़ेरियन ऑपरेशन (जिला अस्पताल में)
निःशुल्क दवाइयां और जांच
सामान्य प्रसव के लिए 3 दिन और सिज़ेरियन के लिए 7 दिन तक निःशुल्क भोजन
निःशुल्क रक्त सुविधा
घर से अस्पताल और वापस निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा
नवजात शिशु के लिए (जन्म के बाद 30 दिन तक):
निःशुल्क उपचार और दवाइयां
निःशुल्क जांच और रक्त सुविधा
निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा
मुफ़्त एम्बुलेंस सेवा के लिए टोल-फ्री नंबर 102 पर कॉल करें।
सरकार ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूताओं को ₹1400 और शहरी क्षेत्र की प्रसूताओं को ₹1000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।
गर्भावस्था में ज़रूरी कदम:
गर्भवती होने का पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण कराएं।
गर्भवती महिला को चार प्रसवपूर्व (ANC) जांच कराना अनिवार्य है:
पहली जांच: पहली माहवारी छूटते ही या तीन महीने के भीतर।
दूसरी जांच: गर्भावस्था के चौथे से छठे महीने के बीच।
तीसरी जांच: गर्भावस्था के सातवें से आठवें महीने में।
चौथी जांच: गर्भावस्था के नवें महीने में।
किसी भी समस्या के लिए टोल-फ्री नंबर 104 पर कॉल करें। अधिक जानकारी के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा दीदी से संपर्क करें।
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