शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़।
गुरुवार को एआईएमआईएम कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरूल ईमान की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा गया। इस मौके पर गुलाम हसनैन को एआईएमआईएम के युवा प्रकोष्ठ का सीमांचल प्रभारी नियुक्त किया गया। प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका सम्मान किया।
गुलाम हसनैन, जो पहले बिहार सरकार के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे, लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के आरोप में विभाग द्वारा सस्पेंड कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने का फैसला किया और एआईएमआईएम का दामन थामा।
बैठक के दौरान अख्तरूल ईमान ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर जोर दिया और कहा कि पार्टी चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य दलों के साथ गठबंधन की बातचीत भी चल रही है। ईमान ने राजनीति में गठबंधन की अहमियत पर जोर देते हुए आरोप लगाया कि कुछ धनवान पार्टियां सत्ता में आने के लिए लोगों को खरीदने का प्रयास कर रही हैं।
बिहार की मौजूदा स्थिति पर भी उन्होंने गंभीर सवाल उठाए। बेरोजगारी, पलायन, महिलाओं पर अत्याचार, दलितों के खिलाफ हिंसा, और सीमांचल में बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए गए। ईमान ने आरोप लगाया कि बिहार में कोई ऐसा अस्पताल नहीं है जहां मुख्यमंत्री खुद इलाज करवा सकें, और शराबबंदी केवल नाम की रह गई है क्योंकि पुलिसकर्मी ही शराब की आपूर्ति में शामिल हैं।
अख्तरूल ईमान ने प्रशासनिक भ्रष्टाचार और सीमांचल में विकास की कमी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि बिहार के अन्य क्षेत्रों में सुविधाओं का विकास हो रहा है, लेकिन सीमांचल में अभी भी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं, जिससे वहां की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।