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स्वास्थ्य सेवा जन-जन तक पहुंचे – डीएम विशाल राज का स्पष्ट संदेश।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

स्वस्थ समाज ही समृद्ध समाज की नींव होता है – इसी सोच के साथ किशनगंज जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, उपलब्धता और जवाबदेही को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी, डीआईओ, सीडीओ, डीपीएम, डीडीए समेत यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, पीएसआई, पीरामल, सिफार और अन्य साझेदार संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में विभिन्न योजनाओं और सेवाओं की वास्तविक स्थिति की पड़ताल करते हुए आवश्यक सुधारों को लेकर निर्देश जारी किए गए।

आशा बहाली से गांव-गांव तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवाओं की रोशनी

बैठक की शुरुआत ही जिले में आशा कर्मियों की बहाली के मुद्दे से हुई।
डीएम विशाल राज ने स्पष्ट निर्देश दिया कि 30 मई तक सभी योग्य उम्मीदवारों की बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली आशा कार्यकर्ता न सिर्फ गर्भवती महिलाओं की देखभाल, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा, टीकाकरण, टीबी और अन्य रोगों की पहचान, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। जिले में कई पंचायतों में आशा कर्मियों के पद रिक्त हैं, जिससे सेवाएं बाधित हो रही थीं। उन्होंने इसे प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि “आशा की बहाली जितनी जल्दी होगी, स्वास्थ्य सेवाओं की पकड़ उतनी ही मजबूत होगी।”

HWC और APHC की कार्यप्रणाली में आएगी पारदर्शिता और मजबूती

डीएम ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक केंद्र पर डॉक्टरों और स्टाफ की ड्यूटी रोस्टर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित हो, APHC में प्रतिमाह कम से कम 1800 ओपीडी सुनिश्चित की जाए, APHC में 187 और HWC में 151 प्रकार की दवाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही, दवाओं की उपलब्धता को लेकर रूट चार्ट के अनुसार नियमित मूल्यांकन किया जाएगा।

टीबी उन्मूलन में सामुदायिक भागीदारी को मिलेगी गति

टीबी रोगियों की पहचान और समय पर इलाज के लिए जांच प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने कहा कि निक्षय मित्र योजना के तहत स्थानीय सामाजिक संस्थाओं, व्यवसायियों और समाजसेवियों को प्रेरित कर मरीजों को पोषण और भावनात्मक सहायता दी जाए।

गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान – एनसीडी स्क्रीनिंग होगी अनिवार्य

बैठक में गैर-संक्रामक रोग जैसे बीपी, डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोगों पर विशेष ध्यान दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले भर में विशेष स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे बीमारियों की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान और उपचार हो सके।

आयुष्मान कार्ड बनेगा हर जरूरतमंद का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच

आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा करते हुए डीएम ने कहा कि हर पात्र व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड शीघ्र बनवाया जाए, ताकि उन्हें 5 लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिल सके। साथ ही, योजना की जानकारी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया जाए।

टेली-कंसल्टेंसी से घर बैठे मिलेगा विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श

स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए डीएम ने टेली-मेडिसिन सेवाओं का विस्तार करने पर ज़ोर दिया। इससे दूर-दराज के लोगों को भी विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेने में सुविधा होगी, साथ ही अनावश्यक रेफरल की समस्या भी कम होगी।

टीकाकरण में कोई ढिलाई नहीं – पोर्टल पर जानकारी हो अद्यतन

डीएम ने निर्देश दिया कि जिले में शत-प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। टेढ़ागाछ, पोठिया और किशनगंज प्रखंडों में टीकाकरण कवरेज कम होने पर चिंता व्यक्त की गई। भाव्या पोर्टल पर सभी अद्यतन जानकारी अपलोड करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए।

स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त – डीएम की सख्त चेतावनी

बैठक के अंत में डीएम विशाल राज ने दो टूक कहा कि “स्वास्थ्य सेवा सीधे जनता से जुड़ी जिम्मेदारी है, इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी, कर्मी और साझेदार संस्थाएं मिलकर काम करें ताकि हर नागरिक को समय पर, बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवा मिल सके।”

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