किशनगंज जिला न्यायालय के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम माननीय सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। वर्ष 2021 में घटित दहेज हत्या के जघन्य मामले में अदालत ने रतन लाल और गणेश लाल महतो को दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹10,000 का आर्थिक दंड सुनाया।
यदि दोषी जुर्माने की राशि अदा नहीं करते हैं, तो उन्हें प्रत्येक ₹10,000 के लिए एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह मामला एक युवती की दहेज के चलते हुई निर्मम हत्या से जुड़ा था। किशनगंज पुलिस की त्वरित और सघन जांच के चलते अभियोजन पक्ष ने एक मजबूत चार्जशीट अदालत में पेश की। वैज्ञानिक साक्ष्य, फॉरेंसिक रिपोर्ट, और गवाहों के सुसंगत एवं सटीक बयानों के आधार पर अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि यह हत्या दहेज की मांग के अलावा, पारिवारिक रंजिश और संपत्ति विवाद के कारण भी हुई थी।
इस फैसले के साथ ही न्यायालय ने यह संदेश दिया है कि दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया जाएगा। किशनगंज पुलिस और अभियोजन पक्ष की सतर्कता, समर्पण और पेशेवर कार्यशैली इस फैसले में निर्णायक रही।
यह निर्णय न्याय प्रणाली में जनता की आस्था को और सशक्त करता है तथा समाज में यह संदेश देता है कि अपराध करने वालों को कानून से कोई राहत नहीं मिलेगी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिला न्यायालय के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम माननीय सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। वर्ष 2021 में घटित दहेज हत्या के जघन्य मामले में अदालत ने रतन लाल और गणेश लाल महतो को दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹10,000 का आर्थिक दंड सुनाया।
यदि दोषी जुर्माने की राशि अदा नहीं करते हैं, तो उन्हें प्रत्येक ₹10,000 के लिए एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह मामला एक युवती की दहेज के चलते हुई निर्मम हत्या से जुड़ा था। किशनगंज पुलिस की त्वरित और सघन जांच के चलते अभियोजन पक्ष ने एक मजबूत चार्जशीट अदालत में पेश की। वैज्ञानिक साक्ष्य, फॉरेंसिक रिपोर्ट, और गवाहों के सुसंगत एवं सटीक बयानों के आधार पर अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि यह हत्या दहेज की मांग के अलावा, पारिवारिक रंजिश और संपत्ति विवाद के कारण भी हुई थी।
इस फैसले के साथ ही न्यायालय ने यह संदेश दिया है कि दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया जाएगा। किशनगंज पुलिस और अभियोजन पक्ष की सतर्कता, समर्पण और पेशेवर कार्यशैली इस फैसले में निर्णायक रही।
यह निर्णय न्याय प्रणाली में जनता की आस्था को और सशक्त करता है तथा समाज में यह संदेश देता है कि अपराध करने वालों को कानून से कोई राहत नहीं मिलेगी।
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