जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में प्रगति और सख्त निर्देश, मुख्यमंत्री की यात्रा की तैयारियां तेज
गृह प्रसव की घटनाओं को समाप्त करने और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए किशनगंज में गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी विशाल राज ने की, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य टीमों और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समीक्षा के दौरान अभियान की प्रगति पर चर्चा की गई और इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए। बैठक में डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार, सीडीओ डॉ. मंजर आलम, एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी, डीएस डॉ. अनवर हुसैन, डीपीएम डॉ. मुनाजिम सहित अन्य विभागीय अधिकारी और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
गर्भवती महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
बैठक में गृह प्रसव की घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया:
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका:
गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लाभों और सुरक्षा उपायों की जानकारी देना।
स्वास्थ्य केंद्रों तक समय पर पहुंचाने में सहायता करना।
सामुदायिक जागरूकता:
पंचायत स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित करना।
ग्रामीण परिवारों को अभियान में भागीदारी के लिए प्रेरित करना।
समन्वय में सुधार:
स्वास्थ्य, पंचायती राज, आईसीडीएस और जीविका विभागों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना।
सिविल सर्जन ने दिए सख्त निर्देश
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने गृह प्रसव की घटनाओं पर सख्त निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री प्रगति यात्रा: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री की संभावित प्रगति यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाएं दुरुस्त की जाएं।
प्रमुख बिंदु:
साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाएं:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
आपातकालीन सेवाएं:
प्रसव और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आपातकालीन प्रबंधन टीम सतर्क रहे।
स्टाफ उपस्थिति:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की जाए।
अभियान की उपलब्धियां:
मुख्यमंत्री के समक्ष अभियान की प्रगति और सफलता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाए।
निगरानी और समीक्षा:
जिला और प्रखंड स्तर पर तैयारियों की नियमित निगरानी की जाए।
“हर गांव को बनाना है गृह प्रसव मुक्त” – जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने अभियान को हर गांव में सफल बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य है कि कोई भी गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव से वंचित न रहे। यह तभी संभव होगा जब सभी विभाग, पंचायत प्रतिनिधि और समुदाय एकजुट होकर कार्य करें।”
गृह प्रसव मुक्त पंचायतों की ओर मजबूत कदम
बैठक के अंत में अधिकारियों और स्वास्थ्य टीमों ने सुनिश्चित किया कि जिले की हर गर्भवती महिला को समय पर संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो। गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए ठोस योजनाओं और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी
समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले सभी स्वास्थ्य संस्थानों की तैयारियों को दुरुस्त किया जाए। इसमें साफ-सफाई, सुविधाओं की उपलब्धता और आपातकालीन सेवाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
यह अभियान न केवल सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने का प्रयास है, बल्कि हर गांव और परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक बड़ा कदम है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में प्रगति और सख्त निर्देश, मुख्यमंत्री की यात्रा की तैयारियां तेज
गृह प्रसव की घटनाओं को समाप्त करने और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए किशनगंज में गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी विशाल राज ने की, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य टीमों और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समीक्षा के दौरान अभियान की प्रगति पर चर्चा की गई और इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए। बैठक में डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार, सीडीओ डॉ. मंजर आलम, एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी, डीएस डॉ. अनवर हुसैन, डीपीएम डॉ. मुनाजिम सहित अन्य विभागीय अधिकारी और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
गर्भवती महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
बैठक में गृह प्रसव की घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया:
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका:
गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लाभों और सुरक्षा उपायों की जानकारी देना।
स्वास्थ्य केंद्रों तक समय पर पहुंचाने में सहायता करना।
सामुदायिक जागरूकता:
पंचायत स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित करना।
ग्रामीण परिवारों को अभियान में भागीदारी के लिए प्रेरित करना।
समन्वय में सुधार:
स्वास्थ्य, पंचायती राज, आईसीडीएस और जीविका विभागों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना।
सिविल सर्जन ने दिए सख्त निर्देश
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने गृह प्रसव की घटनाओं पर सख्त निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री प्रगति यात्रा: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री की संभावित प्रगति यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाएं दुरुस्त की जाएं।
प्रमुख बिंदु:
साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाएं:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
आपातकालीन सेवाएं:
प्रसव और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आपातकालीन प्रबंधन टीम सतर्क रहे।
स्टाफ उपस्थिति:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की जाए।
अभियान की उपलब्धियां:
मुख्यमंत्री के समक्ष अभियान की प्रगति और सफलता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाए।
निगरानी और समीक्षा:
जिला और प्रखंड स्तर पर तैयारियों की नियमित निगरानी की जाए।
“हर गांव को बनाना है गृह प्रसव मुक्त” – जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने अभियान को हर गांव में सफल बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य है कि कोई भी गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव से वंचित न रहे। यह तभी संभव होगा जब सभी विभाग, पंचायत प्रतिनिधि और समुदाय एकजुट होकर कार्य करें।”
गृह प्रसव मुक्त पंचायतों की ओर मजबूत कदम
बैठक के अंत में अधिकारियों और स्वास्थ्य टीमों ने सुनिश्चित किया कि जिले की हर गर्भवती महिला को समय पर संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो। गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए ठोस योजनाओं और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी
समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले सभी स्वास्थ्य संस्थानों की तैयारियों को दुरुस्त किया जाए। इसमें साफ-सफाई, सुविधाओं की उपलब्धता और आपातकालीन सेवाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
यह अभियान न केवल सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने का प्रयास है, बल्कि हर गांव और परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक बड़ा कदम है।
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