जिले के सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों में (एचएससी) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला पदाधिकारी विशाल राज के दिशा-निर्देश के तहत किया गया, जिसमें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में टीकाकरण कार्यक्रमों की समीक्षा करना और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने की रणनीति तैयार करना था।
टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करने पर जोर
बहादुरगंज और कोचाधामन के एक-एक उपस्वास्थ्य केंद्र पर जिला स्वास्थ्य विभाग से जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने विशेष रूप से टीकाकरण कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिले के कई हिस्सों में टीकाकरण कवरेज अभी भी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। इसे ध्यान में रखते हुए, बैठक में सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों के कर्मियों को निर्देशित किया गया कि वे टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करें, जिसे ड्यू लिस्ट सर्वे के रूप में जाना जाता है। इस सर्वे के तहत उन व्यक्तियों की पहचान की जाएगी जिन्हें अब तक टीकाकरण का लाभ नहीं मिल पाया है।
सर्वे को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश
डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक में ड्यू लिस्ट सर्वे पर विशेष जोर दिया गया ताकि टीकाकरण से वंचित लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा जा सके। उपस्थित सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे इस सर्वे को प्राथमिकता से पूरा करें और इसका डेटा नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग को प्रदान करें। इसके अलावा, उन क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया जहां टीकाकरण की दर कम है, और इसके पीछे के कारणों की पहचान कर उन्हें दूर करने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता बताई गई।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने टीकाकरण के अलावा अन्य प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों, जैसे कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, स्वच्छता, और कुपोषण उन्मूलन पर भी चर्चा की। इन कार्यक्रमों के तहत दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि यदि इन सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समन्वित रूप से और सही समय पर लागू किया जाता है, तो जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
सामुदायिक जागरूकता पर विशेष ध्यान
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित बैठक में एक और महत्वपूर्ण पहलू पर चर्चा की गई, जिसमें समुदाय-आधारित जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने की बात कही गई। स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व के बारे में जागरूक करें। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कर्मियों, और पंचायत प्रतिनिधियों की भी सहायता ली जाएगी, ताकि समुदाय स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें इन सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके।
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि मासिक मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सही दिशा में हो रहा है। डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि नियमित मॉनिटरिंग से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि योजनाओं के सही तरीके से लागू होने की गति भी बढ़ेगी।
उपस्वास्थ्य केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन बैठकों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता को और मजबूत करना है, ताकि समाज के हर वर्ग को इन सेवाओं का लाभ मिल सके। आने वाले महीनों में टीकाकरण कार्यक्रमों और ड्यू लिस्ट सर्वे को और भी सुदृढ़ करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे, जिससे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और बेहतर हो सके।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले के सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों में (एचएससी) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला पदाधिकारी विशाल राज के दिशा-निर्देश के तहत किया गया, जिसमें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में टीकाकरण कार्यक्रमों की समीक्षा करना और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने की रणनीति तैयार करना था।
टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करने पर जोर
बहादुरगंज और कोचाधामन के एक-एक उपस्वास्थ्य केंद्र पर जिला स्वास्थ्य विभाग से जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने विशेष रूप से टीकाकरण कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिले के कई हिस्सों में टीकाकरण कवरेज अभी भी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। इसे ध्यान में रखते हुए, बैठक में सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों के कर्मियों को निर्देशित किया गया कि वे टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करें, जिसे ड्यू लिस्ट सर्वे के रूप में जाना जाता है। इस सर्वे के तहत उन व्यक्तियों की पहचान की जाएगी जिन्हें अब तक टीकाकरण का लाभ नहीं मिल पाया है।
सर्वे को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश
डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक में ड्यू लिस्ट सर्वे पर विशेष जोर दिया गया ताकि टीकाकरण से वंचित लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा जा सके। उपस्थित सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे इस सर्वे को प्राथमिकता से पूरा करें और इसका डेटा नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग को प्रदान करें। इसके अलावा, उन क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया जहां टीकाकरण की दर कम है, और इसके पीछे के कारणों की पहचान कर उन्हें दूर करने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता बताई गई।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने टीकाकरण के अलावा अन्य प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों, जैसे कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, स्वच्छता, और कुपोषण उन्मूलन पर भी चर्चा की। इन कार्यक्रमों के तहत दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि यदि इन सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समन्वित रूप से और सही समय पर लागू किया जाता है, तो जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
सामुदायिक जागरूकता पर विशेष ध्यान
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित बैठक में एक और महत्वपूर्ण पहलू पर चर्चा की गई, जिसमें समुदाय-आधारित जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने की बात कही गई। स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व के बारे में जागरूक करें। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कर्मियों, और पंचायत प्रतिनिधियों की भी सहायता ली जाएगी, ताकि समुदाय स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें इन सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके।
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि मासिक मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सही दिशा में हो रहा है। डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि नियमित मॉनिटरिंग से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि योजनाओं के सही तरीके से लागू होने की गति भी बढ़ेगी।
उपस्वास्थ्य केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन बैठकों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता को और मजबूत करना है, ताकि समाज के हर वर्ग को इन सेवाओं का लाभ मिल सके। आने वाले महीनों में टीकाकरण कार्यक्रमों और ड्यू लिस्ट सर्वे को और भी सुदृढ़ करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे, जिससे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और बेहतर हो सके।
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