किशनगंज में आयुष्मान गोल्डन कार्ड अभियान को नई गति “स्वास्थ्य सुरक्षा अब हर घर की दहलीज़ पर – मुफ्त इलाज, सम्मानित जीवन” जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वयं किया शिविर का निरीक्षण, दिए कार्ड निर्माण में तेजी लाने के निर्देश
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले में चल रहे आयुष्मान भारत– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के महाअभियान को अब तेज़ रफ्तार मिल चुकी है। 24 मई को जिले भर में 1,568 पात्र लाभार्थियों के गोल्डन ई-कार्ड बनाए गए। इनमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के 50 वरिष्ठ नागरिकों को ‘वय वंदना कार्ड’ दिए गए, जो बुजुर्गों के लिए निःशुल्क और सम्मानजनक इलाज की राह खोलते हैं।
इस अभियान की गहन निगरानी के तहत रविवार को जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वयं पोठिया एवं किशनगंज प्रखंड के शिविर स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की, लाभुकों से फीडबैक लिया और व्यवस्था को और अधिक सुलभ व प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सुरक्षा का महाअभियान: जन-जन तक पहुंचे सुविधा निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल कार्ड बनाना नहीं, बल्कि हर पात्र व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाना है। यह अभियान गरीबों, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। हर पंचायत, हर घर तक हम पहुंचेंगे।” उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि लाभुकों की पहचान और कार्ड निर्माण की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए, ताकि 26 से 28 मई तक चलने वाले मुख्य शिविरों में अधिक से अधिक लोगों को योजना से जोड़ा जा सके।
वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता, ‘वय वंदना कार्ड’ बनकर तैयार 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए विशेष ‘वय वंदना कार्ड’ का निर्माण अब तेज़ी पकड़ चुका है। 24 मई को बनाए गए 50 ऐसे कार्ड न केवल बुजुर्गों की सुविधा को प्रमाणित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि प्रशासन इस वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को गंभीरता से ले रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया, “यह कार्ड बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इससे वे किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में निःशुल्क इलाज पा सकते हैं।”
प्रशासनिक समन्वय और विभागीय सक्रियता से बन रहा मॉडल इस पूरे अभियान में जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, जीविका, आईटी सेल, सीएससी, आशा, आंगनबाड़ी और पंचायत सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिविरों की भौतिक व्यवस्था, ऑपरेटरों का संचालन, प्रचार-प्रसार और लाभुकों की सहायता—हर बिंदु पर समन्वित कार्रवाई की जा रही है। जिला कार्यक्रम समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा, “हम लगातार पंचायत स्तर पर शिविरों की गुणवत्ता की निगरानी कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि 100% पात्र लाभुकों को योजना से जोड़ा जाए।”
माता गुजरी मेडिकल कॉलेज और सूचीबद्ध निजी अस्पताल भी तैयार अब तक जिले में 5.5 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं और 24,000 से अधिक लाभार्थी इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों का निःशुल्क इलाज प्राप्त कर चुके हैं। माता गुजरी मेडिकल कॉलेज सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सूचीबद्ध निजी अस्पताल इस योजना में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
जागरूकता और सहभागिता से बनेगा ‘स्वास्थ्य समृद्ध किशनगंज’ ई-रिक्शा जागरूकता रथ, माइकिंग, घर-घर जाकर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लाभुकों की पहचान तथा विशेष सार्वजनिक स्थलों पर काउंटर—ये सभी प्रयास मिलकर इस अभियान को एक जनांदोलन का रूप दे रहे हैं।
जिलाधिकारी की अपील: “कार्ड बनवाएं, स्वास्थ्य अधिकार पाएं” श्री विशाल राज ने जिलेवासियों से अपील की, “यह कार्ड केवल एक प्लास्टिक का टुकड़ा नहीं है, यह हर व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार है। 26 से 28 मई तक आयोजित शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें और अपना गोल्डन ई-कार्ड अवश्य बनवाएं।” उन्होंने कहा कि किशनगंज जिले में स्वास्थ्य की सुरक्षा अब कागज़ों तक सीमित नहीं है, यह ज़मीनी स्तर पर साकार हो रही है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में चल रहा यह अभियान दिखाता है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति, विभागीय समन्वय और जनभागीदारी मिलती है, तो स्वास्थ्य भी अधिकार बन जाता है—हर गरीब, हर बुजुर्ग, हर जरूरतमंद के लिए।
किशनगंज में आयुष्मान गोल्डन कार्ड अभियान को नई गति “स्वास्थ्य सुरक्षा अब हर घर की दहलीज़ पर – मुफ्त इलाज, सम्मानित जीवन” जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वयं किया शिविर का निरीक्षण, दिए कार्ड निर्माण में तेजी लाने के निर्देश
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले में चल रहे आयुष्मान भारत– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के महाअभियान को अब तेज़ रफ्तार मिल चुकी है। 24 मई को जिले भर में 1,568 पात्र लाभार्थियों के गोल्डन ई-कार्ड बनाए गए। इनमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के 50 वरिष्ठ नागरिकों को ‘वय वंदना कार्ड’ दिए गए, जो बुजुर्गों के लिए निःशुल्क और सम्मानजनक इलाज की राह खोलते हैं।
इस अभियान की गहन निगरानी के तहत रविवार को जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वयं पोठिया एवं किशनगंज प्रखंड के शिविर स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की, लाभुकों से फीडबैक लिया और व्यवस्था को और अधिक सुलभ व प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सुरक्षा का महाअभियान: जन-जन तक पहुंचे सुविधा निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल कार्ड बनाना नहीं, बल्कि हर पात्र व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाना है। यह अभियान गरीबों, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। हर पंचायत, हर घर तक हम पहुंचेंगे।” उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि लाभुकों की पहचान और कार्ड निर्माण की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए, ताकि 26 से 28 मई तक चलने वाले मुख्य शिविरों में अधिक से अधिक लोगों को योजना से जोड़ा जा सके।
वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता, ‘वय वंदना कार्ड’ बनकर तैयार 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए विशेष ‘वय वंदना कार्ड’ का निर्माण अब तेज़ी पकड़ चुका है। 24 मई को बनाए गए 50 ऐसे कार्ड न केवल बुजुर्गों की सुविधा को प्रमाणित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि प्रशासन इस वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को गंभीरता से ले रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया, “यह कार्ड बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इससे वे किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में निःशुल्क इलाज पा सकते हैं।”
प्रशासनिक समन्वय और विभागीय सक्रियता से बन रहा मॉडल इस पूरे अभियान में जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, जीविका, आईटी सेल, सीएससी, आशा, आंगनबाड़ी और पंचायत सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिविरों की भौतिक व्यवस्था, ऑपरेटरों का संचालन, प्रचार-प्रसार और लाभुकों की सहायता—हर बिंदु पर समन्वित कार्रवाई की जा रही है। जिला कार्यक्रम समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा, “हम लगातार पंचायत स्तर पर शिविरों की गुणवत्ता की निगरानी कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि 100% पात्र लाभुकों को योजना से जोड़ा जाए।”
माता गुजरी मेडिकल कॉलेज और सूचीबद्ध निजी अस्पताल भी तैयार अब तक जिले में 5.5 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं और 24,000 से अधिक लाभार्थी इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों का निःशुल्क इलाज प्राप्त कर चुके हैं। माता गुजरी मेडिकल कॉलेज सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सूचीबद्ध निजी अस्पताल इस योजना में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
जागरूकता और सहभागिता से बनेगा ‘स्वास्थ्य समृद्ध किशनगंज’ ई-रिक्शा जागरूकता रथ, माइकिंग, घर-घर जाकर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लाभुकों की पहचान तथा विशेष सार्वजनिक स्थलों पर काउंटर—ये सभी प्रयास मिलकर इस अभियान को एक जनांदोलन का रूप दे रहे हैं।
जिलाधिकारी की अपील: “कार्ड बनवाएं, स्वास्थ्य अधिकार पाएं” श्री विशाल राज ने जिलेवासियों से अपील की, “यह कार्ड केवल एक प्लास्टिक का टुकड़ा नहीं है, यह हर व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार है। 26 से 28 मई तक आयोजित शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें और अपना गोल्डन ई-कार्ड अवश्य बनवाएं।” उन्होंने कहा कि किशनगंज जिले में स्वास्थ्य की सुरक्षा अब कागज़ों तक सीमित नहीं है, यह ज़मीनी स्तर पर साकार हो रही है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में चल रहा यह अभियान दिखाता है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति, विभागीय समन्वय और जनभागीदारी मिलती है, तो स्वास्थ्य भी अधिकार बन जाता है—हर गरीब, हर बुजुर्ग, हर जरूरतमंद के लिए।