स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बिहार नैदानिक स्थापना (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) नियमावली, 2013 के तहत 10 फरवरी 2025 को जिले के 47 चिकित्सा संस्थानों को पंजीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई। जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष, जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण, किशनगंज द्वारा लिए गए इस निर्णय से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुव्यवस्थित और सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
स्वीकृत पंजीकरण की विस्तृत जानकारी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत:
01 पॉली क्लिनिक, 01 ओपीडी क्लिनिक, 07 पैथोलॉजी, 09 एक्स-रे सेंटर और 08 नर्सिंग होम को नए पंजीकरण की स्वीकृति दी गई।
01 ओपीडी क्लिनिक, 03 पैथोलॉजी और 17 नर्सिंग होम के अस्थायी पंजीकरण का नवीकरण किया गया है।
इस पंजीकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में संचालित सभी स्वास्थ्य संस्थान सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करें और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पंजीकरण अनिवार्य
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कड़े निर्देश जारी किए हैं कि जिले में कोई भी चिकित्सा संस्थान बिना पंजीकरण के संचालित नहीं होगा। यदि कोई संस्थान बिना वैध लाइसेंस के पाया गया, तो उसके संचालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और संस्थान को सील कर दिया जाएगा। यह कदम इसलिए आवश्यक है ताकि मरीजों को अवैध रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों से किसी भी प्रकार की परेशानी या नुकसान न हो।
समय पर नवीकरण कराएं, अन्यथा होगी सख्त कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने सभी पंजीकृत नर्सिंग होम, ओपीडी क्लिनिक, पॉली क्लिनिक, एक्स-रे सेंटर और पैथोलॉजी संचालकों से अपील की है कि जिनका पंजीकरण समाप्त हो गया है या समाप्त होने वाला है, वे अविलंब नवीकरण के लिए आवेदन करें। यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर आवेदन नहीं किया जाता है, तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्यों जरूरी है पंजीकरण?
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मुनाजिम ने बताया कि:
रोगियों की सुरक्षा – पंजीकृत संस्थान सरकार द्वारा तय मानकों का पालन करते हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
अनियमित संस्थानों पर लगाम – अवैध रूप से संचालित संस्थान मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार – पंजीकरण से सरकार को जिले में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्पष्ट जानकारी मिलती है, जिससे स्वास्थ्य योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित, पारदर्शी और मरीजों के अनुकूल बनाने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। आम नागरिकों को भी चाहिए कि वे केवल पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों से ही सेवाएं लें और अवैध रूप से चलने वाले संस्थानों की जानकारी प्रशासन को दें, ताकि जिले में सुगम, सुलभ और सुरक्षित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बिहार नैदानिक स्थापना (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) नियमावली, 2013 के तहत 10 फरवरी 2025 को जिले के 47 चिकित्सा संस्थानों को पंजीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई। जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष, जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण, किशनगंज द्वारा लिए गए इस निर्णय से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुव्यवस्थित और सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
स्वीकृत पंजीकरण की विस्तृत जानकारी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत:
01 पॉली क्लिनिक, 01 ओपीडी क्लिनिक, 07 पैथोलॉजी, 09 एक्स-रे सेंटर और 08 नर्सिंग होम को नए पंजीकरण की स्वीकृति दी गई।
01 ओपीडी क्लिनिक, 03 पैथोलॉजी और 17 नर्सिंग होम के अस्थायी पंजीकरण का नवीकरण किया गया है।
इस पंजीकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में संचालित सभी स्वास्थ्य संस्थान सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करें और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पंजीकरण अनिवार्य
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कड़े निर्देश जारी किए हैं कि जिले में कोई भी चिकित्सा संस्थान बिना पंजीकरण के संचालित नहीं होगा। यदि कोई संस्थान बिना वैध लाइसेंस के पाया गया, तो उसके संचालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और संस्थान को सील कर दिया जाएगा। यह कदम इसलिए आवश्यक है ताकि मरीजों को अवैध रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों से किसी भी प्रकार की परेशानी या नुकसान न हो।
समय पर नवीकरण कराएं, अन्यथा होगी सख्त कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने सभी पंजीकृत नर्सिंग होम, ओपीडी क्लिनिक, पॉली क्लिनिक, एक्स-रे सेंटर और पैथोलॉजी संचालकों से अपील की है कि जिनका पंजीकरण समाप्त हो गया है या समाप्त होने वाला है, वे अविलंब नवीकरण के लिए आवेदन करें। यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर आवेदन नहीं किया जाता है, तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्यों जरूरी है पंजीकरण?
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मुनाजिम ने बताया कि:
रोगियों की सुरक्षा – पंजीकृत संस्थान सरकार द्वारा तय मानकों का पालन करते हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
अनियमित संस्थानों पर लगाम – अवैध रूप से संचालित संस्थान मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार – पंजीकरण से सरकार को जिले में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्पष्ट जानकारी मिलती है, जिससे स्वास्थ्य योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित, पारदर्शी और मरीजों के अनुकूल बनाने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। आम नागरिकों को भी चाहिए कि वे केवल पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों से ही सेवाएं लें और अवैध रूप से चलने वाले संस्थानों की जानकारी प्रशासन को दें, ताकि जिले में सुगम, सुलभ और सुरक्षित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
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