किशनगंज की जीविका दीदियों ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक ऐतिहासिक पहल में भाग लेकर नया अध्याय रचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के शुभारंभ के अवसर पर जिले की हजारों दीदियों ने सामूहिक रूप से जुड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जिले के सम्राट अशोक भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी विशाल राज, डीपीएम जीविका अनुराधा चंद्रा, स्थानीय जनप्रतिनिधि, जीविका से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए। इसके साथ ही जिले के सभी सात प्रखंडों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जीविका दीदियों ने आयोजन में भाग लिया। किशनगंज जिले के अंतर्गत 32 संकुल संघों और 200 से अधिक स्थानों पर सामूहिक रूप से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया।
जीविका निधि के शुभारंभ से अब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो सकेगा। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की दीदियों की बैंकों पर निर्भरता घटेगी और उन्हें अपनी आजीविका के लिए पूंजी जुटाने में सहूलियत होगी। इस पहल से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक क्षमता में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
वर्तमान में किशनगंज जिले में 20,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 2.3 लाख दीदियाँ जुड़ी हुई हैं। जीविका निधि की शुरुआत से इन दीदियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में बिहार सरकार और केंद्र सरकार के साझा प्रयासों का प्रतीक बनकर उभरा है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज की जीविका दीदियों ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक ऐतिहासिक पहल में भाग लेकर नया अध्याय रचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के शुभारंभ के अवसर पर जिले की हजारों दीदियों ने सामूहिक रूप से जुड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जिले के सम्राट अशोक भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी विशाल राज, डीपीएम जीविका अनुराधा चंद्रा, स्थानीय जनप्रतिनिधि, जीविका से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए। इसके साथ ही जिले के सभी सात प्रखंडों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जीविका दीदियों ने आयोजन में भाग लिया। किशनगंज जिले के अंतर्गत 32 संकुल संघों और 200 से अधिक स्थानों पर सामूहिक रूप से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया।
जीविका निधि के शुभारंभ से अब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो सकेगा। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की दीदियों की बैंकों पर निर्भरता घटेगी और उन्हें अपनी आजीविका के लिए पूंजी जुटाने में सहूलियत होगी। इस पहल से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक क्षमता में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
वर्तमान में किशनगंज जिले में 20,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 2.3 लाख दीदियाँ जुड़ी हुई हैं। जीविका निधि की शुरुआत से इन दीदियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में बिहार सरकार और केंद्र सरकार के साझा प्रयासों का प्रतीक बनकर उभरा है।
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