‘रिस्पेक्टफुल केयर’ बना ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का आदर्श मॉडल, महिलाओं में बढ़ा विश्वास
टेढ़ागाछ प्रखंड का झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुका है। केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के तहत “क्वालिटी सर्टिफाइड (Quality Certified)” का दर्जा प्राप्त हुआ है। यह सम्मान किशनगंज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा दी है।
यह सफलता जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, पारदर्शिता और संवेदनशीलता की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है। खासतौर पर, यह केंद्र महिलाओं के लिए सम्मानजनक और सहज मातृ स्वास्थ्य सेवा (‘रिस्पेक्टफुल केयर’) का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है, जिससे गांवों की महिलाओं में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भरोसा और जागरूकता दोनों बढ़ी हैं।
जिलाधिकारी विशाल राज ने जताया गर्व — “यह टीम भावना और सेवा समर्पण का परिणाम” जिलाधिकारी विशाल राज ने झाला केंद्र की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि किशनगंज के स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत, अनुशासन और समर्पण का नतीजा है।
“राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी जनसेवा को अपना कर्तव्य मानकर कार्य कर रहे हैं। किशनगंज अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार के अग्रणी जिलों में शामिल होने की दिशा में है।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है — हर नागरिक को सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवा मिले, और झाला केंद्र ने इसे व्यवहार में साबित किया है।
गुणवत्ता और संवेदनशीलता का संगम — सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि केंद्र पर एंटेनाटल चेकअप, इम्यूनाइजेशन, हाईपरटेंशन व डायबिटीज स्क्रीनिंग, दवा उपलब्धता, और रोगियों से व्यवहार जैसे सभी पहलुओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया।
“झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने ‘रिस्पेक्टफुल केयर’ के सिद्धांत को धरातल पर लागू किया है। यहां मरीज केवल इलाज नहीं, बल्कि सम्मान के साथ सेवा प्राप्त करते हैं।”
महिलाओं के लिए बनी नई उम्मीद की किरण जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनजिम ने कहा कि झाला केंद्र की सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा संभव है।
“महिलाओं को अब सरकारी केंद्रों पर भी सम्मानजनक मातृ देखभाल मिल रही है। यह बदलाव ग्रामीण समाज में भरोसे की नई लहर लेकर आया है।”
उन्होंने बताया कि जिले के अन्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी इस मॉडल को अपनाकर ‘रिस्पेक्टफुल केयर’ को अपने कार्य का मूल तत्व बनाएंगे।
गुणवत्ता प्रमाणन — सुधार और नवाचार की दिशा में कदम जिला गुणवत्ता आश्वासन प्रभारी सुमन सिन्हा ने कहा कि NQAS प्रमाणन केवल मूल्यांकन नहीं, बल्कि सीखने और सुधारने की प्रक्रिया है।
“झाला केंद्र ने साफ-सफाई, रिकॉर्ड संधारण, दवा प्रबंधन, मरीजों से व्यवहार और सामुदायिक भागीदारी के हर मानक पर शानदार प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा कि अब यह केंद्र ‘सस्टेनेबल क्वालिटी मॉडल’ के रूप में पूरे जिले के लिए मार्गदर्शक बनेगा।
“रिस्पेक्टफुल केयर” ने बदल दी स्वास्थ्य सेवाओं की परिभाषा डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि झाला केंद्र ने महिलाओं के सम्मान को अपनी सेवा संस्कृति का हिस्सा बनाया है। यहां गर्भवती महिलाओं के लिए बैठने, परामर्श और जांच की व्यवस्था अत्यंत मर्यादित और सहज है। ASHA और ANM कर्मियों द्वारा गर्भावस्था से लेकर प्रसवोपरांत देखभाल तक हर स्तर पर संवेदनशीलता, सहानुभूति और आत्मीयता का माहौल है।
“यह उपलब्धि दर्शाती है कि अब ग्रामीण महिलाएं सरकारी अस्पतालों को भरोसेमंद और सुरक्षित मानने लगी हैं।”
यह सफलता जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, समुदाय और स्वास्थ्यकर्मियों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। डीएम विशाल राज के नेतृत्व में सिविल सर्जन कार्यालय, DPM टीम और जिला गुणवत्ता इकाई ने निरंतर प्रशिक्षण, फॉलोअप और दस्तावेज़ प्रबंधन पर काम किया।
किशनगंज बना गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा का प्रेरक जिला डीक्यूएसी प्रभारी सुमन सिन्हा ने कहा कि झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की यह सफलता किशनगंज के स्वास्थ्य अभियान में एक स्वर्ण अध्याय है। जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा,
“अब हमारा लक्ष्य है कि हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इसी दिशा में कार्य करे, ताकि किशनगंज को जल्द ही बिहार का ‘क्वालिटी हेल्थ डिस्ट्रिक्ट’ घोषित किया जा सके।”
झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की यह उपलब्धि केवल एक प्रमाणन नहीं, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की गरिमा, आत्मविश्वास और स्वस्थ जीवन की नई शुरुआत है। यह उपलब्धि आने वाले समय में पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
‘रिस्पेक्टफुल केयर’ बना ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का आदर्श मॉडल, महिलाओं में बढ़ा विश्वास
टेढ़ागाछ प्रखंड का झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुका है। केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के तहत “क्वालिटी सर्टिफाइड (Quality Certified)” का दर्जा प्राप्त हुआ है। यह सम्मान किशनगंज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा दी है।
यह सफलता जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, पारदर्शिता और संवेदनशीलता की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है। खासतौर पर, यह केंद्र महिलाओं के लिए सम्मानजनक और सहज मातृ स्वास्थ्य सेवा (‘रिस्पेक्टफुल केयर’) का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है, जिससे गांवों की महिलाओं में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भरोसा और जागरूकता दोनों बढ़ी हैं।
जिलाधिकारी विशाल राज ने जताया गर्व — “यह टीम भावना और सेवा समर्पण का परिणाम” जिलाधिकारी विशाल राज ने झाला केंद्र की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि किशनगंज के स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत, अनुशासन और समर्पण का नतीजा है।
“राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी जनसेवा को अपना कर्तव्य मानकर कार्य कर रहे हैं। किशनगंज अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार के अग्रणी जिलों में शामिल होने की दिशा में है।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है — हर नागरिक को सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवा मिले, और झाला केंद्र ने इसे व्यवहार में साबित किया है।
गुणवत्ता और संवेदनशीलता का संगम — सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि केंद्र पर एंटेनाटल चेकअप, इम्यूनाइजेशन, हाईपरटेंशन व डायबिटीज स्क्रीनिंग, दवा उपलब्धता, और रोगियों से व्यवहार जैसे सभी पहलुओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया।
“झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने ‘रिस्पेक्टफुल केयर’ के सिद्धांत को धरातल पर लागू किया है। यहां मरीज केवल इलाज नहीं, बल्कि सम्मान के साथ सेवा प्राप्त करते हैं।”
महिलाओं के लिए बनी नई उम्मीद की किरण जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनजिम ने कहा कि झाला केंद्र की सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा संभव है।
“महिलाओं को अब सरकारी केंद्रों पर भी सम्मानजनक मातृ देखभाल मिल रही है। यह बदलाव ग्रामीण समाज में भरोसे की नई लहर लेकर आया है।”
उन्होंने बताया कि जिले के अन्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी इस मॉडल को अपनाकर ‘रिस्पेक्टफुल केयर’ को अपने कार्य का मूल तत्व बनाएंगे।
गुणवत्ता प्रमाणन — सुधार और नवाचार की दिशा में कदम जिला गुणवत्ता आश्वासन प्रभारी सुमन सिन्हा ने कहा कि NQAS प्रमाणन केवल मूल्यांकन नहीं, बल्कि सीखने और सुधारने की प्रक्रिया है।
“झाला केंद्र ने साफ-सफाई, रिकॉर्ड संधारण, दवा प्रबंधन, मरीजों से व्यवहार और सामुदायिक भागीदारी के हर मानक पर शानदार प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा कि अब यह केंद्र ‘सस्टेनेबल क्वालिटी मॉडल’ के रूप में पूरे जिले के लिए मार्गदर्शक बनेगा।
“रिस्पेक्टफुल केयर” ने बदल दी स्वास्थ्य सेवाओं की परिभाषा डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि झाला केंद्र ने महिलाओं के सम्मान को अपनी सेवा संस्कृति का हिस्सा बनाया है। यहां गर्भवती महिलाओं के लिए बैठने, परामर्श और जांच की व्यवस्था अत्यंत मर्यादित और सहज है। ASHA और ANM कर्मियों द्वारा गर्भावस्था से लेकर प्रसवोपरांत देखभाल तक हर स्तर पर संवेदनशीलता, सहानुभूति और आत्मीयता का माहौल है।
“यह उपलब्धि दर्शाती है कि अब ग्रामीण महिलाएं सरकारी अस्पतालों को भरोसेमंद और सुरक्षित मानने लगी हैं।”
यह सफलता जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, समुदाय और स्वास्थ्यकर्मियों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। डीएम विशाल राज के नेतृत्व में सिविल सर्जन कार्यालय, DPM टीम और जिला गुणवत्ता इकाई ने निरंतर प्रशिक्षण, फॉलोअप और दस्तावेज़ प्रबंधन पर काम किया।
किशनगंज बना गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा का प्रेरक जिला डीक्यूएसी प्रभारी सुमन सिन्हा ने कहा कि झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की यह सफलता किशनगंज के स्वास्थ्य अभियान में एक स्वर्ण अध्याय है। जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा,
“अब हमारा लक्ष्य है कि हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इसी दिशा में कार्य करे, ताकि किशनगंज को जल्द ही बिहार का ‘क्वालिटी हेल्थ डिस्ट्रिक्ट’ घोषित किया जा सके।”
झाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की यह उपलब्धि केवल एक प्रमाणन नहीं, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की गरिमा, आत्मविश्वास और स्वस्थ जीवन की नई शुरुआत है। यह उपलब्धि आने वाले समय में पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
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