सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य विभाग किशनगंज ने नवजात शिशुओं की देखभाल को लेकर माताओं से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। विभाग ने बताया कि ठंड में नवजात के शरीर का तापमान तेजी से गिरने से हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होना) का खतरा बढ़ जाता है, जो कमजोर या समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए गंभीर साबित हो सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि “कंगारू मदर केयर (KMC)” एक सरल, सस्ती और प्रभावी विधि है जो नवजात को प्राकृतिक गर्माहट प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक में माँ या पिता शिशु को अपनी छाती से सटा कर रखते हैं, जिससे बच्चे को सीधे शरीर की ऊष्मा मिलती है। इससे न केवल हाइपोथर्मिया से बचाव होता है, बल्कि बच्चे की हृदय गति, श्वसन और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने कहा कि केएमसी अपनाने से नवजात को लगातार गर्माहट और सुरक्षा मिलती है, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा, “यह केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है। इससे बच्चा शांत रहता है और स्तनपान बेहतर तरीके से करता है।”
डॉ. अनवर आलम, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, ने बताया कि कंगारू मदर केयर विशेष रूप से प्रीमैच्योर शिशुओं के लिए वरदान है। “ऐसे बच्चों के फेफड़े और तापमान नियंत्रित करने की क्षमता कम होती है, इसलिए यह विधि उन्हें संक्रमण से बचाने और वजन बढ़ाने में मदद करती है,” उन्होंने कहा। उन्होंने माताओं को सलाह दी कि वे नवजात को नियमित रूप से स्तनपान कराएं, क्योंकि इससे प्राकृतिक ऊर्जा और गर्माहट मिलती है।
डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि केएमसी देते समय माँ को अपनी छाती साफ रखनी चाहिए और बच्चे को पेट से सटा कर रखना चाहिए। उसके सिर को ढककर रखें और ऊपर से एक गर्म शॉल या चादर डालें। यह प्रक्रिया दिन में कम से कम दो बार, प्रत्येक बार 30–40 मिनट तक की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे गांवों में जाकर गर्भवती और नवजात शिशु वाली माताओं को केएमसी विधि की जानकारी दें। सिविल सर्जन ने कहा कि इस अभियान से नवजात मृत्यु दर में कमी आएगी और हर बच्चा स्वस्थ जीवन की शुरुआत कर सकेगा।
“ठंड में नवजात के लिए माँ की गोद ही सबसे सुरक्षित गर्माहट है। कंगारू मदर केयर अपनाएं और अपने शिशु को दें जीवन की प्राकृतिक सुरक्षा।” — सिविल सर्जन, किशनगंज
सारस न्यूज, किशनगंज।
सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य विभाग किशनगंज ने नवजात शिशुओं की देखभाल को लेकर माताओं से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। विभाग ने बताया कि ठंड में नवजात के शरीर का तापमान तेजी से गिरने से हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होना) का खतरा बढ़ जाता है, जो कमजोर या समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए गंभीर साबित हो सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि “कंगारू मदर केयर (KMC)” एक सरल, सस्ती और प्रभावी विधि है जो नवजात को प्राकृतिक गर्माहट प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक में माँ या पिता शिशु को अपनी छाती से सटा कर रखते हैं, जिससे बच्चे को सीधे शरीर की ऊष्मा मिलती है। इससे न केवल हाइपोथर्मिया से बचाव होता है, बल्कि बच्चे की हृदय गति, श्वसन और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने कहा कि केएमसी अपनाने से नवजात को लगातार गर्माहट और सुरक्षा मिलती है, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा, “यह केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है। इससे बच्चा शांत रहता है और स्तनपान बेहतर तरीके से करता है।”
डॉ. अनवर आलम, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, ने बताया कि कंगारू मदर केयर विशेष रूप से प्रीमैच्योर शिशुओं के लिए वरदान है। “ऐसे बच्चों के फेफड़े और तापमान नियंत्रित करने की क्षमता कम होती है, इसलिए यह विधि उन्हें संक्रमण से बचाने और वजन बढ़ाने में मदद करती है,” उन्होंने कहा। उन्होंने माताओं को सलाह दी कि वे नवजात को नियमित रूप से स्तनपान कराएं, क्योंकि इससे प्राकृतिक ऊर्जा और गर्माहट मिलती है।
डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि केएमसी देते समय माँ को अपनी छाती साफ रखनी चाहिए और बच्चे को पेट से सटा कर रखना चाहिए। उसके सिर को ढककर रखें और ऊपर से एक गर्म शॉल या चादर डालें। यह प्रक्रिया दिन में कम से कम दो बार, प्रत्येक बार 30–40 मिनट तक की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे गांवों में जाकर गर्भवती और नवजात शिशु वाली माताओं को केएमसी विधि की जानकारी दें। सिविल सर्जन ने कहा कि इस अभियान से नवजात मृत्यु दर में कमी आएगी और हर बच्चा स्वस्थ जीवन की शुरुआत कर सकेगा।
“ठंड में नवजात के लिए माँ की गोद ही सबसे सुरक्षित गर्माहट है। कंगारू मदर केयर अपनाएं और अपने शिशु को दें जीवन की प्राकृतिक सुरक्षा।” — सिविल सर्जन, किशनगंज
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