स्थानीय नेतृत्व और सामुदायिक सहयोग से बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर
कोचाधामन प्रखंड के काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) ने स्वास्थ्य सेवाओं में अपने अभूतपूर्व बदलाव से यह सिद्ध कर दिया है कि जब सामुदायिक सहभागिता और प्रभावी नेतृत्व मिलकर काम करें, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। पंचायत के मुखिया अबू नसर की दूरदर्शिता और सक्रियता ने इस केंद्र को न केवल राज्यस्तरीय एनक्वास (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) प्रमाणीकरण दिलाया, बल्कि इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का एक आदर्श उदाहरण भी बना दिया।
पहले की स्थिति: बुनियादी सुविधाओं की कमी
कुछ वर्षों पहले तक काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जर्जर स्थिति में था। खराब और कच्ची सड़कों के कारण मरीजों को केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई होती थी। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और शिशुओं को नियमित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती थीं। प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी और आधारभूत ढांचे का अभाव केंद्र को अप्रभावी बना रहा था। छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी ग्रामीणों को शहर जाना पड़ता था।
मुखिया की पहल: बदलाव की शुरुआत
मुखिया अबू नसर ने इस स्थिति को बदलने की ठानी और काशीबारी एचडब्ल्यूसी को एक आदर्श स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
सड़क और आधारभूत संरचना का विकास
एचडब्ल्यूसी को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण कराया।
अस्पताल परिसर में गड्ढों का समतलीकरण और जलजमाव की समस्या का समाधान किया।
परिसर में बागवानी और सौंदर्यीकरण कर मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहतर वातावरण तैयार किया।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की।
एनीमिया मुक्त भारत और मातृत्व स्वास्थ्य जैसे कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया।
नियमित स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता अभियानों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व से परिचित कराया।
सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया और नियमित जांच व टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।
एनक्वास प्रमाणीकरण: गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रमाण
मुखिया और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से काशीबारी एचडब्ल्यूसी को एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ। यह प्रमाणीकरण स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता और प्रबंधन की उत्कृष्टता का मानक है। बीएमजीएफ (Bill & Melinda Gates Foundation) की टीम ने 21 अक्टूबर 2024 को निरीक्षण के दौरान एचडब्ल्यूसी की सेवाओं को सराहा और इसे राज्य के लिए एक आदर्श मॉडल घोषित किया।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “मुखिया अबू नसर की मेहनत और प्रतिबद्धता ने काशीबारी एचडब्ल्यूसी को जिले के सबसे प्रभावी स्वास्थ्य केंद्रों में से एक बना दिया है।” जिलाधिकारी विशाल राज ने इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
ग्रामीणों के लिए वरदान बना काशीबारी एचडब्ल्यूसी
मुखिया के प्रयासों से आज काशीबारी एचडब्ल्यूसी ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है:
गर्भवती महिलाओं की देखभाल: 42% से अधिक गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से चार एएनसी जांच करवा रही हैं।
ओपीडी सेवाएं: हर महीने 600 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं।
विशेष कार्यक्रम: एनीमिया मुक्त भारत और पोषण संबंधित सेवाओं पर विशेष ध्यान।
ग्रामीणों का कहना है, “पहले हमें इलाज के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब हमारे गांव में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।”
सामूहिक प्रयास से उज्ज्वल भविष्य
मुखिया अबू नसर ने कहा, “यह सफलता हमारे सामूहिक प्रयास का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि काशीबारी एचडब्ल्यूसी एक मॉडल बने, जहां हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।” सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने इस सफलता को अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बताया।
अन्य पंचायतों के लिए एक आदर्श
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने दिखाया है कि जब नेतृत्व मजबूत और सामुदायिक भागीदारी सक्रिय हो, तो किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त कर यह केंद्र न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बन गया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास का भी एक आदर्श उदाहरण है। यह सफलता कहानी अन्य पंचायतों को प्रेरित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण से हर गांव को सशक्त बनाया जा सकता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
स्थानीय नेतृत्व और सामुदायिक सहयोग से बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर
कोचाधामन प्रखंड के काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) ने स्वास्थ्य सेवाओं में अपने अभूतपूर्व बदलाव से यह सिद्ध कर दिया है कि जब सामुदायिक सहभागिता और प्रभावी नेतृत्व मिलकर काम करें, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। पंचायत के मुखिया अबू नसर की दूरदर्शिता और सक्रियता ने इस केंद्र को न केवल राज्यस्तरीय एनक्वास (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) प्रमाणीकरण दिलाया, बल्कि इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का एक आदर्श उदाहरण भी बना दिया।
पहले की स्थिति: बुनियादी सुविधाओं की कमी
कुछ वर्षों पहले तक काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जर्जर स्थिति में था। खराब और कच्ची सड़कों के कारण मरीजों को केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई होती थी। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और शिशुओं को नियमित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती थीं। प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी और आधारभूत ढांचे का अभाव केंद्र को अप्रभावी बना रहा था। छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी ग्रामीणों को शहर जाना पड़ता था।
मुखिया की पहल: बदलाव की शुरुआत
मुखिया अबू नसर ने इस स्थिति को बदलने की ठानी और काशीबारी एचडब्ल्यूसी को एक आदर्श स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
सड़क और आधारभूत संरचना का विकास
एचडब्ल्यूसी को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण कराया।
अस्पताल परिसर में गड्ढों का समतलीकरण और जलजमाव की समस्या का समाधान किया।
परिसर में बागवानी और सौंदर्यीकरण कर मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहतर वातावरण तैयार किया।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की।
एनीमिया मुक्त भारत और मातृत्व स्वास्थ्य जैसे कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया।
नियमित स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता अभियानों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व से परिचित कराया।
सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया और नियमित जांच व टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।
एनक्वास प्रमाणीकरण: गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रमाण
मुखिया और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से काशीबारी एचडब्ल्यूसी को एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ। यह प्रमाणीकरण स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता और प्रबंधन की उत्कृष्टता का मानक है। बीएमजीएफ (Bill & Melinda Gates Foundation) की टीम ने 21 अक्टूबर 2024 को निरीक्षण के दौरान एचडब्ल्यूसी की सेवाओं को सराहा और इसे राज्य के लिए एक आदर्श मॉडल घोषित किया।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “मुखिया अबू नसर की मेहनत और प्रतिबद्धता ने काशीबारी एचडब्ल्यूसी को जिले के सबसे प्रभावी स्वास्थ्य केंद्रों में से एक बना दिया है।” जिलाधिकारी विशाल राज ने इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
ग्रामीणों के लिए वरदान बना काशीबारी एचडब्ल्यूसी
मुखिया के प्रयासों से आज काशीबारी एचडब्ल्यूसी ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है:
गर्भवती महिलाओं की देखभाल: 42% से अधिक गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से चार एएनसी जांच करवा रही हैं।
ओपीडी सेवाएं: हर महीने 600 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं।
विशेष कार्यक्रम: एनीमिया मुक्त भारत और पोषण संबंधित सेवाओं पर विशेष ध्यान।
ग्रामीणों का कहना है, “पहले हमें इलाज के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब हमारे गांव में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।”
सामूहिक प्रयास से उज्ज्वल भविष्य
मुखिया अबू नसर ने कहा, “यह सफलता हमारे सामूहिक प्रयास का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि काशीबारी एचडब्ल्यूसी एक मॉडल बने, जहां हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।” सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने इस सफलता को अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बताया।
अन्य पंचायतों के लिए एक आदर्श
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि काशीबारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने दिखाया है कि जब नेतृत्व मजबूत और सामुदायिक भागीदारी सक्रिय हो, तो किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त कर यह केंद्र न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बन गया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास का भी एक आदर्श उदाहरण है। यह सफलता कहानी अन्य पंचायतों को प्रेरित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण से हर गांव को सशक्त बनाया जा सकता है।