किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड का काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बनता जा रहा है। वर्षों से उपेक्षित यह केंद्र आज राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के प्रमाणन की अंतिम सीढ़ी पर खड़ा है। इस ऐतिहासिक परिवर्तन के पीछे जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता, स्वास्थ्य विभाग की योजनाबद्ध मेहनत और स्थानीय नेतृत्व का समर्पण शामिल है। हाल ही में इस केंद्र का भ्रमण करने आई बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने भी काशीबाड़ी की प्रशंसा करते हुए इसे एक आदर्श केंद्र बताया था। उन्होंने सेवाओं, रिकॉर्ड व्यवस्था और कर्मचारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए इसे जिले के अन्य केंद्रों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पूरे अभियान को ‘जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में मील का पत्थर’ बताया और कहा कि “हमारा लक्ष्य है कि जिले का हर व्यक्ति सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और गरिमापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठा सके। काशीबाड़ी का कायाकल्प उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।”
स्वास्थ्य केंद्र से मुख्य सड़क तक बना संपर्क, बदली तस्वीर केंद्र तक पहुंचने में लोगों को पहले काफी परेशानी होती थी, लेकिन स्थानीय मुखिया के प्रयासों से बनी संपर्क सड़क ने सेंटर की तस्वीर ही बदल दी। अब न केवल लोगों की पहुंच आसान हुई है, बल्कि प्रसव पूर्व जांच, रक्तचाप, एनीमिया जांच जैसी नियमित सेवाओं में भी सुधार आया है। इस परिवर्तन की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय मुखिया के अथक प्रयासों से स्वास्थ्य केंद्र को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला संपर्क पथ बनाया गया। यह कार्य केवल एक निर्माण परियोजना नहीं था, बल्कि इसने काशीबाड़ी को जिले के बाकी हिस्सों से जोड़ा और आमजन की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को सहज बनाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता ने इसे पूरी तरह नया स्वरूप दे दिया।
बेहतर आधारभूत संरचना, नियमित ANC जांचें, एनसीडी स्क्रीनिंग, दवाओं की उपलब्धता और सात पैकेज में समर्पित सेवाएं इस केंद्र की नई पहचान बन चुकी हैं। इस पूरे बदलाव को धरातल पर उतारने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम की अहम भूमिका रही है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी डीक्यूएसी सुमन सिन्हा द्वारा निरंतर सपोर्टिव सुपरविजन और मार्गदर्शन से केंद्र को एनक्वास के मानकों के अनुरूप ढालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसके अलावा, सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने भी लगातार निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि सभी व्यवस्थाएं तय समय पर पूरी हों।
एनक्वास प्रमाणन की तैयारी जोरों पर, जिला स्वास्थ्य समिति सक्रिय प्रमाणीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी DQAC सुमन सिन्हा स्वयं लगातार सपोर्टिव सुपरविजन कर रहे हैं। एनक्वास के सभी मानकों जैसे – रिकॉर्ड प्रबंधन, सफाई, दवा भंडारण, रोगी संतोष आदि बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों की सकारात्मक भूमिका सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने केंद्र की सेवाओं का निरीक्षण कर संतोष व्यक्त किया और कहा कि काशीबाड़ी सेंटर जल्द ही पूरे राज्य में एक मॉडल के रूप में देखा जाएगा। जिलाधिकारी विशाल राज ने इसे ‘ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम’ बताया और कहा कि ऐसे प्रयासों से ही अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाई जा सकती है।
राष्ट्रीय टीम का निरीक्षण शीघ्र, जिले को मिलेगी नई पहचान जल्द ही केंद्र सरकार की एनक्वास निरीक्षण टीम इस सेंटर का दौरा करने वाली है। यदि यह प्रमाणित होता है, तो काशीबाड़ी किशनगंज जिले का पहला एनक्वास प्रमाणित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनेगा, जिससे जिले को एक नई पहचान मिलेगी और आमजन को और बेहतर सेवाएं मिलेंगी। काशीबाड़ी सेंटर अब न केवल स्वास्थ्य सेवा का केंद्र है, बल्कि एक आदर्श, एक उम्मीद और एक दिशा बन चुका है। इसकी सफलता यह बताती है कि जब नीति, नीयत और नेतृत्व मिलते हैं – तो बदलाव असंभव नहीं रहता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड का काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बनता जा रहा है। वर्षों से उपेक्षित यह केंद्र आज राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के प्रमाणन की अंतिम सीढ़ी पर खड़ा है। इस ऐतिहासिक परिवर्तन के पीछे जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता, स्वास्थ्य विभाग की योजनाबद्ध मेहनत और स्थानीय नेतृत्व का समर्पण शामिल है। हाल ही में इस केंद्र का भ्रमण करने आई बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने भी काशीबाड़ी की प्रशंसा करते हुए इसे एक आदर्श केंद्र बताया था। उन्होंने सेवाओं, रिकॉर्ड व्यवस्था और कर्मचारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए इसे जिले के अन्य केंद्रों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पूरे अभियान को ‘जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में मील का पत्थर’ बताया और कहा कि “हमारा लक्ष्य है कि जिले का हर व्यक्ति सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और गरिमापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठा सके। काशीबाड़ी का कायाकल्प उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।”
स्वास्थ्य केंद्र से मुख्य सड़क तक बना संपर्क, बदली तस्वीर केंद्र तक पहुंचने में लोगों को पहले काफी परेशानी होती थी, लेकिन स्थानीय मुखिया के प्रयासों से बनी संपर्क सड़क ने सेंटर की तस्वीर ही बदल दी। अब न केवल लोगों की पहुंच आसान हुई है, बल्कि प्रसव पूर्व जांच, रक्तचाप, एनीमिया जांच जैसी नियमित सेवाओं में भी सुधार आया है। इस परिवर्तन की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय मुखिया के अथक प्रयासों से स्वास्थ्य केंद्र को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला संपर्क पथ बनाया गया। यह कार्य केवल एक निर्माण परियोजना नहीं था, बल्कि इसने काशीबाड़ी को जिले के बाकी हिस्सों से जोड़ा और आमजन की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को सहज बनाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता ने इसे पूरी तरह नया स्वरूप दे दिया।
बेहतर आधारभूत संरचना, नियमित ANC जांचें, एनसीडी स्क्रीनिंग, दवाओं की उपलब्धता और सात पैकेज में समर्पित सेवाएं इस केंद्र की नई पहचान बन चुकी हैं। इस पूरे बदलाव को धरातल पर उतारने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम की अहम भूमिका रही है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी डीक्यूएसी सुमन सिन्हा द्वारा निरंतर सपोर्टिव सुपरविजन और मार्गदर्शन से केंद्र को एनक्वास के मानकों के अनुरूप ढालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसके अलावा, सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने भी लगातार निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि सभी व्यवस्थाएं तय समय पर पूरी हों।
एनक्वास प्रमाणन की तैयारी जोरों पर, जिला स्वास्थ्य समिति सक्रिय प्रमाणीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी DQAC सुमन सिन्हा स्वयं लगातार सपोर्टिव सुपरविजन कर रहे हैं। एनक्वास के सभी मानकों जैसे – रिकॉर्ड प्रबंधन, सफाई, दवा भंडारण, रोगी संतोष आदि बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों की सकारात्मक भूमिका सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने केंद्र की सेवाओं का निरीक्षण कर संतोष व्यक्त किया और कहा कि काशीबाड़ी सेंटर जल्द ही पूरे राज्य में एक मॉडल के रूप में देखा जाएगा। जिलाधिकारी विशाल राज ने इसे ‘ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम’ बताया और कहा कि ऐसे प्रयासों से ही अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाई जा सकती है।
राष्ट्रीय टीम का निरीक्षण शीघ्र, जिले को मिलेगी नई पहचान जल्द ही केंद्र सरकार की एनक्वास निरीक्षण टीम इस सेंटर का दौरा करने वाली है। यदि यह प्रमाणित होता है, तो काशीबाड़ी किशनगंज जिले का पहला एनक्वास प्रमाणित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनेगा, जिससे जिले को एक नई पहचान मिलेगी और आमजन को और बेहतर सेवाएं मिलेंगी। काशीबाड़ी सेंटर अब न केवल स्वास्थ्य सेवा का केंद्र है, बल्कि एक आदर्श, एक उम्मीद और एक दिशा बन चुका है। इसकी सफलता यह बताती है कि जब नीति, नीयत और नेतृत्व मिलते हैं – तो बदलाव असंभव नहीं रहता है।