किशनगंज जिले ने कालाजार जैसी जानलेवा बीमारी पर काबू पाने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस कामयाबी के पीछे सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की मेहनत नहीं बल्कि जनसहयोग, समय पर उपचार, लगातार निगरानी और सामूहिक जागरूकता का भी बड़ा योगदान रहा। जिले में नियमित रूप से चलाए गए कीटनाशक छिड़काव, घर-घर जांच अभियान और स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता ने इस अभियान को मजबूती दी। 1 जून से 15 जून 2025 तक जिलेभर में हुए कालाजार खोजी अभियान में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में जिले के लिए गौरव की बात है। इस दौरान स्वास्थ्य टीमों ने हजारों घरों का दौरा किया और लक्षणों की जांच की, पर कहीं भी बीमारी का नया मामला सामने नहीं आया।
अप्रैल के तीनों मरीज स्वस्थ, सहायता राशि दी गई अप्रैल 2025 में जिले में तीन मरीजों में कालाजार की पुष्टि हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तुरंत इलाज मुहैया कराया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज के बाद अब तीनों मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कुल ₹7100 की सहायता राशि दी गई — जिसमें ₹500 केंद्र सरकार और ₹6600 राज्य सरकार की मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान किए गए। यह राशि न केवल मरीजों की मदद करती है बल्कि लोगों को समय पर बीमारी की रिपोर्टिंग के लिए प्रेरित भी करती है।
जनसहयोग और तत्पर कार्रवाई से सफलता सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह जनसहयोग और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने बताया कि मरीजों की पहचान होते ही आसपास के इलाकों में विशेष छिड़काव और निगरानी बढ़ा दी गई। उन्होंने कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि खोजी अभियान में एक भी नया केस नहीं मिला, लेकिन हमें सतर्कता बनाए रखनी होगी।”
सतर्क रहें, समय पर जांच कराएं — डॉ. मंजर आलम की अपील जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी लक्षण — जैसे लगातार बुखार, वजन घटना, कमजोरी या तिल्ली का बढ़ना — महसूस होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं। उन्होंने कहा, “इलाज पूरी तरह निःशुल्क है और दवाएं भी सरकार उपलब्ध कराती है।”
छिड़काव और जागरूकता से मिली सफलता डॉ. मंजर आलम ने बताया कि बालू मक्खी से बचाव के लिए जिले में व्यापक पैमाने पर कीटनाशक छिड़काव किया गया। फरवरी से शुरू इस अभियान में हजारों घरों को कवर किया गया। लोगों को छिड़काव से पहले और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लगातार जागरूक किया गया। इसी जागरूकता और सहयोग की वजह से जिले में कालाजार की स्थिति नियंत्रण में है।
जनसहयोग बनी सबसे बड़ी ताकत जिलाधिकारी विशाल राज ने इस सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “कालाजार मुक्त किशनगंज अब हमारा निकट भविष्य है। यह तभी संभव हुआ जब लोगों ने जागरूकता दिखाई और स्वास्थ्य विभाग का साथ दिया। हमें इसी तरह सहयोग बनाए रखना होगा।”
सतर्कता से ही संभव है कालाजार मुक्त भविष्य सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा कि किशनगंज की यह कामयाबी अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। उन्होंने कहा, “अब जरूरत है कि हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ें और हर संभावित क्षेत्र में निगरानी और सतर्कता बनाए रखें। अगर यही जोश और सहयोग रहा तो वह दिन दूर नहीं जब किशनगंज को कालाजार मुक्त जिला घोषित किया जाएगा।”
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले ने कालाजार जैसी जानलेवा बीमारी पर काबू पाने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस कामयाबी के पीछे सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की मेहनत नहीं बल्कि जनसहयोग, समय पर उपचार, लगातार निगरानी और सामूहिक जागरूकता का भी बड़ा योगदान रहा। जिले में नियमित रूप से चलाए गए कीटनाशक छिड़काव, घर-घर जांच अभियान और स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता ने इस अभियान को मजबूती दी। 1 जून से 15 जून 2025 तक जिलेभर में हुए कालाजार खोजी अभियान में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में जिले के लिए गौरव की बात है। इस दौरान स्वास्थ्य टीमों ने हजारों घरों का दौरा किया और लक्षणों की जांच की, पर कहीं भी बीमारी का नया मामला सामने नहीं आया।
अप्रैल के तीनों मरीज स्वस्थ, सहायता राशि दी गई अप्रैल 2025 में जिले में तीन मरीजों में कालाजार की पुष्टि हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तुरंत इलाज मुहैया कराया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज के बाद अब तीनों मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कुल ₹7100 की सहायता राशि दी गई — जिसमें ₹500 केंद्र सरकार और ₹6600 राज्य सरकार की मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान किए गए। यह राशि न केवल मरीजों की मदद करती है बल्कि लोगों को समय पर बीमारी की रिपोर्टिंग के लिए प्रेरित भी करती है।
जनसहयोग और तत्पर कार्रवाई से सफलता सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह जनसहयोग और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने बताया कि मरीजों की पहचान होते ही आसपास के इलाकों में विशेष छिड़काव और निगरानी बढ़ा दी गई। उन्होंने कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि खोजी अभियान में एक भी नया केस नहीं मिला, लेकिन हमें सतर्कता बनाए रखनी होगी।”
सतर्क रहें, समय पर जांच कराएं — डॉ. मंजर आलम की अपील जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी लक्षण — जैसे लगातार बुखार, वजन घटना, कमजोरी या तिल्ली का बढ़ना — महसूस होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं। उन्होंने कहा, “इलाज पूरी तरह निःशुल्क है और दवाएं भी सरकार उपलब्ध कराती है।”
छिड़काव और जागरूकता से मिली सफलता डॉ. मंजर आलम ने बताया कि बालू मक्खी से बचाव के लिए जिले में व्यापक पैमाने पर कीटनाशक छिड़काव किया गया। फरवरी से शुरू इस अभियान में हजारों घरों को कवर किया गया। लोगों को छिड़काव से पहले और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लगातार जागरूक किया गया। इसी जागरूकता और सहयोग की वजह से जिले में कालाजार की स्थिति नियंत्रण में है।
जनसहयोग बनी सबसे बड़ी ताकत जिलाधिकारी विशाल राज ने इस सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “कालाजार मुक्त किशनगंज अब हमारा निकट भविष्य है। यह तभी संभव हुआ जब लोगों ने जागरूकता दिखाई और स्वास्थ्य विभाग का साथ दिया। हमें इसी तरह सहयोग बनाए रखना होगा।”
सतर्कता से ही संभव है कालाजार मुक्त भविष्य सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा कि किशनगंज की यह कामयाबी अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। उन्होंने कहा, “अब जरूरत है कि हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ें और हर संभावित क्षेत्र में निगरानी और सतर्कता बनाए रखें। अगर यही जोश और सहयोग रहा तो वह दिन दूर नहीं जब किशनगंज को कालाजार मुक्त जिला घोषित किया जाएगा।”