स्वास्थ्य सेवा की दिशा में किशनगंज ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड विशेष महा-अभियान के अंतर्गत किशनगंज जिले ने अब तक कुल 66,618 कार्ड बनाकर राज्य स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है, जो जिले के लिए न केवल उपलब्धि है, बल्कि गौरव का विषय भी है। अभियान के अंतर्गत बनाए गए कार्डों में 847 कार्ड ऐसे नागरिकों के हैं, जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह योजना बुजुर्गों तक भी प्रभावी ढंग से पहुंच रही है।
शिविरों में उमड़ा जनसैलाब, गांव से शहर तक जागरूकता का दिखा प्रभाव
पूरे जिले में चलाए गए विशेष शिविरों में सुबह से शाम तक लोगों की लंबी कतारें यह दर्शा रही थीं कि अब ग्रामीण और शहरी नागरिक अपने स्वास्थ्य अधिकारों को लेकर पूरी तरह सजग हो चुके हैं। सभी पंचायतों में आयोजित हुए शिविरों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी, पंचायत प्रतिनिधि और स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही। इन सबके सहयोग से योजना आम जनमानस तक पहुंच सकी। 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए “वय वंदना” नाम से विशेष सुविधा दी गई, जिसमें कार्ड निर्माण को प्राथमिकता दी गई।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी का बयान: “हर पात्र परिवार तक योजना की पहुंच हमारी जिम्मेदारी”
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया, “यह सिर्फ योजना नहीं, बल्कि करोड़ों गरीब परिवारों के लिए जीवन रक्षक कवच है। हमारा प्रयास है कि जिले का कोई भी पात्र नागरिक इस सुविधा से वंचित न रहे। टीम वर्क और लोगों की जागरूकता ही इस अभियान को इतना सफल बना पाई।”
जिला पदाधिकारी ने दी कर्मियों को बधाई, सराहे गए सामूहिक प्रयास
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने पूरे स्वास्थ्य विभाग, आईटी टीम, पंचायत स्तर पर कार्य कर रहे कर्मियों और जन प्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा, “यह गर्व का क्षण है। सभी के सामूहिक प्रयास से किशनगंज ने राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हमारा लक्ष्य न सिर्फ संख्या बढ़ाना है, बल्कि हर जरूरतमंद तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाना है।” उन्होंने सभी कर्मियों को भविष्य में भी ऐसे ही समर्पण से कार्य करते रहने का निर्देश दिया।
🏥 आयुष्मान कार्ड क्यों ज़रूरी है? जानिए इसके पांच बड़े लाभ
5 लाख रुपये तक का वार्षिक मुफ्त इलाज – सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में।
कैंसर, हार्ट, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज संभव।
कोई आय सीमा या उम्र सीमा नहीं – पात्र परिवारों के सभी सदस्य लाभान्वित।
ऑनलाइन कार्ड, इलाज के लिए सिर्फ आधार या कार्ड नंबर की जरूरत।
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए प्राथमिकता की सुविधा।
अब भी समय है! यदि आपने कार्ड नहीं बनवाया है, तो जल्द से जल्द जुड़िए सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस जन स्वास्थ्य अभियान से यदि आपका या आपके परिवार का आयुष्मान कार्ड अब तक नहीं बना है, तो नजदीकी स्वास्थ्य उपकेंद्र, पंचायत सरकार भवन या विशेष शिविर में जाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीकरण कराएं। यह केवल एक कार्ड नहीं, बल्कि आपके परिवार की स्वास्थ्य रक्षा की ढाल है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
स्वास्थ्य सेवा की दिशा में किशनगंज ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड विशेष महा-अभियान के अंतर्गत किशनगंज जिले ने अब तक कुल 66,618 कार्ड बनाकर राज्य स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है, जो जिले के लिए न केवल उपलब्धि है, बल्कि गौरव का विषय भी है। अभियान के अंतर्गत बनाए गए कार्डों में 847 कार्ड ऐसे नागरिकों के हैं, जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह योजना बुजुर्गों तक भी प्रभावी ढंग से पहुंच रही है।
शिविरों में उमड़ा जनसैलाब, गांव से शहर तक जागरूकता का दिखा प्रभाव
पूरे जिले में चलाए गए विशेष शिविरों में सुबह से शाम तक लोगों की लंबी कतारें यह दर्शा रही थीं कि अब ग्रामीण और शहरी नागरिक अपने स्वास्थ्य अधिकारों को लेकर पूरी तरह सजग हो चुके हैं। सभी पंचायतों में आयोजित हुए शिविरों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी, पंचायत प्रतिनिधि और स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही। इन सबके सहयोग से योजना आम जनमानस तक पहुंच सकी। 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए “वय वंदना” नाम से विशेष सुविधा दी गई, जिसमें कार्ड निर्माण को प्राथमिकता दी गई।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी का बयान: “हर पात्र परिवार तक योजना की पहुंच हमारी जिम्मेदारी”
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया, “यह सिर्फ योजना नहीं, बल्कि करोड़ों गरीब परिवारों के लिए जीवन रक्षक कवच है। हमारा प्रयास है कि जिले का कोई भी पात्र नागरिक इस सुविधा से वंचित न रहे। टीम वर्क और लोगों की जागरूकता ही इस अभियान को इतना सफल बना पाई।”
जिला पदाधिकारी ने दी कर्मियों को बधाई, सराहे गए सामूहिक प्रयास
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने पूरे स्वास्थ्य विभाग, आईटी टीम, पंचायत स्तर पर कार्य कर रहे कर्मियों और जन प्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा, “यह गर्व का क्षण है। सभी के सामूहिक प्रयास से किशनगंज ने राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हमारा लक्ष्य न सिर्फ संख्या बढ़ाना है, बल्कि हर जरूरतमंद तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाना है।” उन्होंने सभी कर्मियों को भविष्य में भी ऐसे ही समर्पण से कार्य करते रहने का निर्देश दिया।
🏥 आयुष्मान कार्ड क्यों ज़रूरी है? जानिए इसके पांच बड़े लाभ
5 लाख रुपये तक का वार्षिक मुफ्त इलाज – सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में।
कैंसर, हार्ट, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज संभव।
कोई आय सीमा या उम्र सीमा नहीं – पात्र परिवारों के सभी सदस्य लाभान्वित।
ऑनलाइन कार्ड, इलाज के लिए सिर्फ आधार या कार्ड नंबर की जरूरत।
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए प्राथमिकता की सुविधा।
अब भी समय है! यदि आपने कार्ड नहीं बनवाया है, तो जल्द से जल्द जुड़िए सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस जन स्वास्थ्य अभियान से यदि आपका या आपके परिवार का आयुष्मान कार्ड अब तक नहीं बना है, तो नजदीकी स्वास्थ्य उपकेंद्र, पंचायत सरकार भवन या विशेष शिविर में जाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीकरण कराएं। यह केवल एक कार्ड नहीं, बल्कि आपके परिवार की स्वास्थ्य रक्षा की ढाल है।
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