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जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा: किशनगंज में 11 से 31 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान, परिवार नियोजन को लेकर प्रशासन सख्त।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

डीएम विशाल राज का स्पष्ट संदेश — “परिवार नियोजन महज़ स्वास्थ्य का विषय नहीं, यह सामाजिक स्थिरता और समृद्धि का मूल है”



जिले में बढ़ती जनसंख्या को संतुलित करने और नागरिकों को सुरक्षित, स्वस्थ व सशक्त भविष्य देने के उद्देश्य से 11 से 31 जुलाई तक “जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा” का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर आज समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी श्री विशाल राज की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित हुई।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, ICDS, और अन्य सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है — जन जागरूकता के ज़रिए परिवार नियोजन को जन आंदोलन बनाना।


🎯 लक्ष्य आधारित नसबंदी — हर प्रखंड को मिली ज़िम्मेदारी

  • सदर अस्पताल: 70 महिला व 10 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य
  • प्रत्येक प्रखंड: 75 महिला और 5 पुरुष नसबंदी अनिवार्य
  • दैनिक लक्ष्य: हर दिन कम से कम 15 महिलाओं की नसबंदी
  • पुरुष सहभागिता: विशेष अभियान के ज़रिए पुरुषों को प्रेरित किया जाएगा
  • गांव-गांव प्रचार: चौपाल, प्रचार वाहन, पोस्टर-बैनर के माध्यम से जागरूकता अभियान

“परिवार नियोजन केवल चिकित्सा नहीं, सामाजिक परिवर्तन का माध्यम” — डीएम विशाल राज

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा,

“परिवार नियोजन एक समर्पित अभियान है जो स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक विकास से सीधे जुड़ा है। अब यह केवल स्वास्थ्य विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि हर विभाग, हर नागरिक की साझा भागीदारी का विषय है।”

उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को सक्रियता से क्षेत्र में काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि

“हर योग्य दंपति तक यह सेवा पहुंचे — यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”


पुरुष सहभागिता बढ़ाने पर ज़ोर: भ्रांतियों को तोड़ने की ज़रूरत

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बैठक में कहा कि

“अब समय है कि पुरुष भी परिवार नियोजन की ज़िम्मेदारी में भागीदार बनें। शिविरों की निरंतरता, प्रचार-प्रसार और साधनों की सुलभता इस अभियान की सफलता की कुंजी है।”


जागरूकता ही समाधान — जन संवाद बनेगा ताकत

पखवाड़ा के दौरान जिलेभर में ग्राम सभाएं, चौपाल संवाद, प्रचार वाहन और मीडिया सहयोग से लोगों को छोटे परिवार के लाभों और साधनों की जानकारी दी जाएगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंटर की स्थापना की गई है।


जनसंख्या नियंत्रण क्यों है जरूरी?

डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा:

  • मातृ स्वास्थ्य की सुरक्षा: बार-बार गर्भधारण से महिलाओं की सेहत पर नकारात्मक असर
  • बच्चों की देखभाल: सीमित संतान को बेहतर शिक्षा, पोषण व सुरक्षा मिलती है
  • आर्थिक संतुलन: छोटा परिवार = कम खर्च, बेहतर जीवन
  • सामाजिक स्थिरता: सीमित संसाधनों पर दबाव कम होता है, असमानता घटती है

“अब संकोच नहीं, समझदारी ज़रूरी है” — डीएम की जनता से अपील

जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने नागरिकों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा:

“अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए परिवार नियोजन अपनाइए। यह वक्त संकोच छोड़कर समझदारी दिखाने का है। अपनी आशा दीदी से संपर्क करें, जानकारी लें, भ्रांतियों को दूर करें और आगे बढ़ें।”


जन भागीदारी से बनेगा सफल अभियान

अंत में डीएम ने कहा,

“जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं, यह भावी पीढ़ी के बेहतर जीवन की दिशा में उठाया गया एक गंभीर कदम है। आइए, हम सब मिलकर इस पखवाड़ा को सफल बनाएं — क्योंकि स्वस्थ परिवार ही खुशहाल समाज की नींव होते हैं।


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