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डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग किशनगंज पूरी तरह तैयार, विशेष वार्ड और जांच सुविधाएं उपलब्ध नगर परिषद, नगर पंचायत को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद फॉगिंग का निर्देश।

राहुल कुमार, किशनगंज

जिले में डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गए हैं। डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रसार एडिस मच्छर के काटने से होता है, जो दिन के समय काटता है और साफ, स्थिर पानी में पनपता है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इन बीमारियों के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, बदन और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, और नाक या मसूड़ों से खून आना शामिल हैं। ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को तुरंत सदर अस्पताल, किशनगंज ले जाने की सलाह दी गई है।

नगर परिषद और नगर पंचायतों को निर्देश

मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक के बाद जिला पदाधिकारी विशाल राज ने किशनगंज नगर परिषद, बहादुरगंज, ठाकुरगंज और पोआखाली नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारियों को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद फॉगिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जल जमाव वाले क्षेत्रों में टेमिफोस का छिड़काव भी कराया जाएगा। इसके अलावा, सदर अस्पताल, किशनगंज में नियमित रूप से फॉगिंग कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे डेंगू के लक्षणों पर नजर रखें और किसी भी समस्या पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज कराने से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। एम्बुलेंस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 102 पर कॉल करें।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि डेंगू से निपटने के लिए किशनगंज के सदर अस्पताल में 20 बिस्तरों का मच्छरदानी युक्त विशेष वार्ड तैयार किया गया है। जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC/PHC) में 5-5 बिस्तरों के डेंगू वार्ड बनाए गए हैं। हर सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में नोडल पदाधिकारी, पैरामेडिकल कर्मी और चिकित्सकों की ड्यूटी तय कर दी गई है। सदर अस्पताल में डेंगू कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसकी हेल्पलाइन नंबर 06456-226115 है।

जांच सुविधाएं उपलब्ध

संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध हैं। टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए मरीजों के लिए NS1 ELISA टेस्ट से डेंगू की पुष्टि की जाएगी। इस साल जनवरी से अब तक जिले में 869 लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया है, लेकिन कोई पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है।

बचाव के उपाय

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि वे दिन में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें, और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के अंदर और बाहर पानी जमा न होने दें, टूटे-फूटे बर्तनों और कूलर आदि का पानी समय-समय पर बदलें, और जमा हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।

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