राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल सात निश्चय-3 के अंतर्गत शामिल निश्चय-7 “सबका सम्मान–जीवन आसान” को धरातल पर और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आज समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि निश्चय-7 का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक, नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण के माध्यम से आम लोगों के दैनिक जीवन को सरल, सुगम और सम्मानजनक बनाना है। इसके तहत सरकारी सेवाओं के दौरान नागरिकों को होने वाली व्यवहारिक समस्याओं की पहचान कर उनके समाधान के लिए ठोस और व्यावहारिक सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रमाण-पत्रों की होम डिलीवरी, अस्पतालों एवं भीड़भाड़ वाले कार्यालयों में बेहतर कतार प्रबंधन, आरामदायक प्रतीक्षा व्यवस्था, बुजुर्गों के लिए घर पर नर्सिंग सहायता, विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया में सहयोग जैसी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के नागरिकों सहित सभी हितधारकों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, मुखियाओं, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं अन्य प्रतिभागियों से नागरिकों की अपेक्षाओं, समस्याओं और आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की। कमजोर, असहाय और वंचित वर्ग तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने, RTPS सेवाओं की होम डिलीवरी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं को सरल बनाने जैसे विषयों पर फीडबैक लिया गया।
जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटरों को मजबूत करने, डॉक्टर और नर्स की पर्याप्त उपलब्धता, जांच उपकरणों की व्यवस्था, अस्पतालों में ANM की नियुक्ति, प्रसव केंद्रों की संख्या बढ़ाने, पैक्स में खाद्य एवं बीज की उपलब्धता, पंचायत स्तर पर एंबुलेंस और डॉक्टर की सुविधा, RTPS सिंगल विंडो प्रणाली, आधार केंद्रों की स्थापना, राशन वितरण को पंचायत स्तर पर सुलभ बनाने, पंचायत सचिव व डाटा ऑपरेटर की पूर्ण नियुक्ति, कबीर अंत्येष्टि योजना के लिए फंड, योजनाओं हेतु मोबाइल ऐप, बुजुर्गों को घर पर सेवाएं, प्रत्येक पंचायत में जल पंप एवं सोलर पंपिंग हाउस की स्थापना तथा जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रक्रिया को सरल करने जैसी मांगें रखी गईं।
खाद्य एवं बीज व्यवस्था पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने चपाती गांव का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वहां गोबर से तैयार ऑर्गेनिक कंपोस्ट और पॉली हाउस के माध्यम से बीज उत्पादन की सफल पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चपाती गांव में गोबर ₹2 प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाता है, यूरिया का प्रयोग नहीं किया जाता और ऑर्गेनिक उत्पाद बाजार में डेढ़ गुना मूल्य पर बिकते हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से इस मॉडल को समझने के लिए चपाती गांव का भ्रमण करने का आग्रह किया।
बैठक में ग्रामीण सखी और जीविका के माध्यम से घर-घर योजनाओं की जानकारी पहुंचाने, भूमिहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने, शहरी क्षेत्रों में मल्टी-बिल्डिंग मॉडल के तहत पशुपालन की व्यवस्था, ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने, शहरी इलाकों में उप स्वास्थ्य केंद्र एवं वेलनेस सेंटर स्थापित करने, कॉमन सर्विस योजना को मजबूत करने, पोस्ट पेमेंट बैंक के लिए स्थायी कार्यालय तथा थाना से लेकर जिला स्तर तक सभी कार्यालयों के बाहर QR कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू करने जैसे सुझाव भी सामने आए।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने पत्रकारों के साथ अलग से बैठक कर उनके सुझाव प्राप्त किए। पत्रकारों ने पेंशन सत्यापन घर जाकर किए जाने, दिव्यांगजनों के लिए पंचायत स्तर पर नियमित शिविर, RTPS सेवाओं को और सशक्त बनाने, आधार अपडेट काउंटर, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र की समयबद्ध प्रक्रिया, अस्पतालों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य जांच की दर सूची प्रदर्शित करने तथा विद्यालयों में शिक्षकों के नाम और फोटो अंकित करने जैसे सुझाव दिए।
बैठक के समापन पर जिला पदाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे अपने सुझावों एवं मांगों की लिखित सूची तैयार कर कल अपराह्न 02:00 बजे तक निदेशक, डीआरडीए को उपलब्ध कराएं, ताकि सभी सुझावों को संकलित कर राज्य सरकार को भेजा जा सके।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल सात निश्चय-3 के अंतर्गत शामिल निश्चय-7 “सबका सम्मान–जीवन आसान” को धरातल पर और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आज समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि निश्चय-7 का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक, नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण के माध्यम से आम लोगों के दैनिक जीवन को सरल, सुगम और सम्मानजनक बनाना है। इसके तहत सरकारी सेवाओं के दौरान नागरिकों को होने वाली व्यवहारिक समस्याओं की पहचान कर उनके समाधान के लिए ठोस और व्यावहारिक सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रमाण-पत्रों की होम डिलीवरी, अस्पतालों एवं भीड़भाड़ वाले कार्यालयों में बेहतर कतार प्रबंधन, आरामदायक प्रतीक्षा व्यवस्था, बुजुर्गों के लिए घर पर नर्सिंग सहायता, विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया में सहयोग जैसी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के नागरिकों सहित सभी हितधारकों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, मुखियाओं, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं अन्य प्रतिभागियों से नागरिकों की अपेक्षाओं, समस्याओं और आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की। कमजोर, असहाय और वंचित वर्ग तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने, RTPS सेवाओं की होम डिलीवरी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं को सरल बनाने जैसे विषयों पर फीडबैक लिया गया।
जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटरों को मजबूत करने, डॉक्टर और नर्स की पर्याप्त उपलब्धता, जांच उपकरणों की व्यवस्था, अस्पतालों में ANM की नियुक्ति, प्रसव केंद्रों की संख्या बढ़ाने, पैक्स में खाद्य एवं बीज की उपलब्धता, पंचायत स्तर पर एंबुलेंस और डॉक्टर की सुविधा, RTPS सिंगल विंडो प्रणाली, आधार केंद्रों की स्थापना, राशन वितरण को पंचायत स्तर पर सुलभ बनाने, पंचायत सचिव व डाटा ऑपरेटर की पूर्ण नियुक्ति, कबीर अंत्येष्टि योजना के लिए फंड, योजनाओं हेतु मोबाइल ऐप, बुजुर्गों को घर पर सेवाएं, प्रत्येक पंचायत में जल पंप एवं सोलर पंपिंग हाउस की स्थापना तथा जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रक्रिया को सरल करने जैसी मांगें रखी गईं।
खाद्य एवं बीज व्यवस्था पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने चपाती गांव का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वहां गोबर से तैयार ऑर्गेनिक कंपोस्ट और पॉली हाउस के माध्यम से बीज उत्पादन की सफल पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चपाती गांव में गोबर ₹2 प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाता है, यूरिया का प्रयोग नहीं किया जाता और ऑर्गेनिक उत्पाद बाजार में डेढ़ गुना मूल्य पर बिकते हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से इस मॉडल को समझने के लिए चपाती गांव का भ्रमण करने का आग्रह किया।
बैठक में ग्रामीण सखी और जीविका के माध्यम से घर-घर योजनाओं की जानकारी पहुंचाने, भूमिहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने, शहरी क्षेत्रों में मल्टी-बिल्डिंग मॉडल के तहत पशुपालन की व्यवस्था, ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने, शहरी इलाकों में उप स्वास्थ्य केंद्र एवं वेलनेस सेंटर स्थापित करने, कॉमन सर्विस योजना को मजबूत करने, पोस्ट पेमेंट बैंक के लिए स्थायी कार्यालय तथा थाना से लेकर जिला स्तर तक सभी कार्यालयों के बाहर QR कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू करने जैसे सुझाव भी सामने आए।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने पत्रकारों के साथ अलग से बैठक कर उनके सुझाव प्राप्त किए। पत्रकारों ने पेंशन सत्यापन घर जाकर किए जाने, दिव्यांगजनों के लिए पंचायत स्तर पर नियमित शिविर, RTPS सेवाओं को और सशक्त बनाने, आधार अपडेट काउंटर, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र की समयबद्ध प्रक्रिया, अस्पतालों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य जांच की दर सूची प्रदर्शित करने तथा विद्यालयों में शिक्षकों के नाम और फोटो अंकित करने जैसे सुझाव दिए।
बैठक के समापन पर जिला पदाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे अपने सुझावों एवं मांगों की लिखित सूची तैयार कर कल अपराह्न 02:00 बजे तक निदेशक, डीआरडीए को उपलब्ध कराएं, ताकि सभी सुझावों को संकलित कर राज्य सरकार को भेजा जा सके।