बारिश के साथ मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता है, जिससे मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने की आशंका रहती है। इसी खतरे से बचाव के लिए किशनगंज जिले में जून माह को ‘एंटी मलेरिया माह’ के रूप में मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर में जागरूकता गतिविधियों की श्रृंखला चलाई जा रही है, ताकि लोग मलेरिया के लक्षण, इलाज और रोकथाम के बारे में जान सकें।
मलेरिया से बचाव का मंत्र: जनजागरूकता और स्वच्छता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू केवल दवाओं से नहीं, बल्कि जागरूकता और जनसहयोग से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोग अपने आसपास पानी जमा न होने दें, कूलर, फूलदान और टायर आदि को नियमित रूप से खाली और साफ रखें। रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी है।
उन्होंने बताया कि एंटी मलेरिया माह के तहत आशा, एएनएम, शिक्षकों और पंचायत प्रतिनिधियों की मदद से गांव-गांव में लोगों को मलेरिया के लक्षणों और बचाव के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। स्वास्थ्यकर्मी बुखार पीड़ितों की पहचान कर जांच और इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं।
प्रशासनिक तैयारी भी पूरी
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि मलेरिया पर नियंत्रण केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि जिला से लेकर पंचायत स्तर तक समन्वय बना कर अभियान को सफल बनाएं। विद्यालयों में बच्चों के माध्यम से भी घर-परिवार तक जागरूकता पहुंचाई जा रही है।
स्कूलों और अस्पतालों में जागरूकता की लहर
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम के अनुसार, बच्चों के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में पोस्टर, निबंध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। वहीं, पीएचसी और सीएचसी स्तर पर मलेरिया जांच और उपचार की विशेष व्यवस्था की गई है। सामुदायिक बैठकों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को भी जागरूक किया जा रहा है।
मलेरिया से बचाव के प्रमुख उपाय:
मच्छरदानी का नियमित उपयोग करें।
घर व आसपास पानी जमा न होने दें।
हर सप्ताह पानी के बर्तन धोएं और खाली करें।
कूलर, टंकी, टायर आदि को ढक कर रखें।
शाम के समय पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें।
मच्छर भगाने वाले क्रीम या क्वायल का इस्तेमाल करें।
बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।
लक्ष्य – मलेरिया मुक्त किशनगंज
डॉ. मंजर आलम ने कहा कि विभाग केवल मलेरिया का इलाज ही नहीं बल्कि इसके पूर्ण उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए जरूरी है कि हर नागरिक सजग हो और साफ-सफाई व मच्छर नियंत्रण को अपनी आदत बनाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकारी प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी से किशनगंज मलेरिया से मुक्ति की ओर एक सफल उदाहरण बनेगा।
यह अभियान एक बार फिर हमें यह संदेश देता है कि छोटे-से मच्छर से भी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन जागरूकता और सामूहिक प्रयास से हम अपने समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बारिश के साथ मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता है, जिससे मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने की आशंका रहती है। इसी खतरे से बचाव के लिए किशनगंज जिले में जून माह को ‘एंटी मलेरिया माह’ के रूप में मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर में जागरूकता गतिविधियों की श्रृंखला चलाई जा रही है, ताकि लोग मलेरिया के लक्षण, इलाज और रोकथाम के बारे में जान सकें।
मलेरिया से बचाव का मंत्र: जनजागरूकता और स्वच्छता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू केवल दवाओं से नहीं, बल्कि जागरूकता और जनसहयोग से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोग अपने आसपास पानी जमा न होने दें, कूलर, फूलदान और टायर आदि को नियमित रूप से खाली और साफ रखें। रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी है।
उन्होंने बताया कि एंटी मलेरिया माह के तहत आशा, एएनएम, शिक्षकों और पंचायत प्रतिनिधियों की मदद से गांव-गांव में लोगों को मलेरिया के लक्षणों और बचाव के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। स्वास्थ्यकर्मी बुखार पीड़ितों की पहचान कर जांच और इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं।
प्रशासनिक तैयारी भी पूरी
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि मलेरिया पर नियंत्रण केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि जिला से लेकर पंचायत स्तर तक समन्वय बना कर अभियान को सफल बनाएं। विद्यालयों में बच्चों के माध्यम से भी घर-परिवार तक जागरूकता पहुंचाई जा रही है।
स्कूलों और अस्पतालों में जागरूकता की लहर
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम के अनुसार, बच्चों के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में पोस्टर, निबंध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। वहीं, पीएचसी और सीएचसी स्तर पर मलेरिया जांच और उपचार की विशेष व्यवस्था की गई है। सामुदायिक बैठकों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को भी जागरूक किया जा रहा है।
मलेरिया से बचाव के प्रमुख उपाय:
मच्छरदानी का नियमित उपयोग करें।
घर व आसपास पानी जमा न होने दें।
हर सप्ताह पानी के बर्तन धोएं और खाली करें।
कूलर, टंकी, टायर आदि को ढक कर रखें।
शाम के समय पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें।
मच्छर भगाने वाले क्रीम या क्वायल का इस्तेमाल करें।
बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।
लक्ष्य – मलेरिया मुक्त किशनगंज
डॉ. मंजर आलम ने कहा कि विभाग केवल मलेरिया का इलाज ही नहीं बल्कि इसके पूर्ण उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए जरूरी है कि हर नागरिक सजग हो और साफ-सफाई व मच्छर नियंत्रण को अपनी आदत बनाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकारी प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी से किशनगंज मलेरिया से मुक्ति की ओर एक सफल उदाहरण बनेगा।
यह अभियान एक बार फिर हमें यह संदेश देता है कि छोटे-से मच्छर से भी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन जागरूकता और सामूहिक प्रयास से हम अपने समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।