राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज में राजद ने मतदाता सूची से दलित, पिछड़ा और मुस्लिम समुदाय के लोगों के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करने की घोषणा की है। राजद नेता प्रो. मोहम्मद खालिद ने स्थानीय सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में मतदाताओं का झुकाव तेजी से राजद की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव आयोग के सहयोग से दलित, पिछड़ा और मुस्लिम समुदाय के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटवा रही है।
प्रो. खालिद ने कहा कि आगामी 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद राजद के बूथ लेवल एजेंट घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान करेंगे, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। वे प्रभावित लोगों को शिकायत पत्र सौंपेंगे और उनके नाम पुनः दर्ज करवाने की प्रक्रिया में मदद करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी मतदाता सूची के आधार पर मतदान हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। खालिद ने सवाल उठाया कि यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी थी, तो नरेंद्र मोदी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
पत्रकार वार्ता में राजद नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रियता से भाग लें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र मतदाता वोट देने के अधिकार से वंचित न रहे। इस दौरान मोहतासिम अख्तर, देवेन यादव, गुलाम सरवर आलम, मोहम्मद अख्तर नईमी, अख्तर नईमी उर्फ गुड्डू सहित कई अन्य राजद नेता मौजूद रहे।
राजद का यह अभियान न केवल मतदाता सूची में सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह बिहार की राजनीति में एक नए सियासी विवाद को भी जन्म दे सकता है। इस अभियान के तहत राजद की ओर से बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाने की योजना बनाई गई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए जा सकें।