ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में किशनगंज जिला स्वास्थ्य तंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) की ओर निरंतर अग्रसर है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित कराने की प्रक्रिया को गति देते हुए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है, ताकि आमजन को अपने ही क्षेत्र में मानक आधारित और सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
इसी क्रम में गुरुवार को जिला गुणवत्ता आश्वासन समिति (D-QAC) की ओर से सुमन सिन्हा द्वारा चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य आगामी राष्ट्रीय मूल्यांकन से पूर्व सभी आवश्यक मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना तथा शेष सुधार बिंदुओं को समयबद्ध रूप से पूरा कराना रहा।
राष्ट्रीय प्रमाणीकरण की तैयारी: व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा
निरीक्षण के दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में स्वच्छता व्यवस्था, मरीजों की सुविधा, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, दवा भंडारण प्रणाली, टीकाकरण प्रबंधन, रिकॉर्ड संधारण, बायोमेडिकल वेस्ट निपटान एवं फायर सेफ्टी से जुड़े प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। डी-क्यू-ए-सी सुमन सिन्हा ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय प्रमाणीकरण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण जनता को सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम है।
डेरामारी व गोपालगंज होंगे राष्ट्रीय एसेसर के मूल्यांकन में शामिल
जिले में एनक्यूएएस प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में 19 दिसंबर को बहादुरगंज प्रखंड के बेसा गोपालगंज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा 20 दिसंबर को कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का राष्ट्रीय एसेसर द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान केंद्रों की स्वास्थ्य सेवाओं, संरचनात्मक व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली का राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आकलन किया जाएगा। प्रमाणीकरण की तैयारी हेतु जिला स्तर से सतत निगरानी, तकनीकी मार्गदर्शन और फील्ड आधारित सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
गुणवत्ता और मरीज सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का राष्ट्रीय प्रमाणीकरण जिला स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। स्वच्छ वातावरण, आवश्यक दवाओं की निरंतर उपलब्धता, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और सुव्यवस्थित रिकॉर्ड प्रणाली के माध्यम से ही ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं संभव हैं। इससे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मिलेगी नई पहचान
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। इन केंद्रों का राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी वही गुणवत्ता उपलब्ध हो, जो किसी मानक स्वास्थ्य संस्थान से अपेक्षित होती है। यह प्रक्रिया जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को नई पहचान और मजबूती प्रदान करेगी।
डी-क्यू-ए-सी द्वारा किया गया यह निरीक्षण दिसंबर माह में प्रस्तावित राष्ट्रीय एसेसर के मूल्यांकन की तैयारियों को और सुदृढ़ करता है। यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि किशनगंज जिला गुणवत्ता-आधारित, भरोसेमंद और सशक्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
डी-क्यू-ए-सी ने तैयारियों का किया निरीक्षण
ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में किशनगंज जिला स्वास्थ्य तंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) की ओर निरंतर अग्रसर है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित कराने की प्रक्रिया को गति देते हुए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है, ताकि आमजन को अपने ही क्षेत्र में मानक आधारित और सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
इसी क्रम में गुरुवार को जिला गुणवत्ता आश्वासन समिति (D-QAC) की ओर से सुमन सिन्हा द्वारा चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य आगामी राष्ट्रीय मूल्यांकन से पूर्व सभी आवश्यक मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना तथा शेष सुधार बिंदुओं को समयबद्ध रूप से पूरा कराना रहा।
राष्ट्रीय प्रमाणीकरण की तैयारी: व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा
निरीक्षण के दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में स्वच्छता व्यवस्था, मरीजों की सुविधा, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, दवा भंडारण प्रणाली, टीकाकरण प्रबंधन, रिकॉर्ड संधारण, बायोमेडिकल वेस्ट निपटान एवं फायर सेफ्टी से जुड़े प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। डी-क्यू-ए-सी सुमन सिन्हा ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय प्रमाणीकरण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण जनता को सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम है।
डेरामारी व गोपालगंज होंगे राष्ट्रीय एसेसर के मूल्यांकन में शामिल
जिले में एनक्यूएएस प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में 19 दिसंबर को बहादुरगंज प्रखंड के बेसा गोपालगंज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा 20 दिसंबर को कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का राष्ट्रीय एसेसर द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान केंद्रों की स्वास्थ्य सेवाओं, संरचनात्मक व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली का राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आकलन किया जाएगा। प्रमाणीकरण की तैयारी हेतु जिला स्तर से सतत निगरानी, तकनीकी मार्गदर्शन और फील्ड आधारित सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
गुणवत्ता और मरीज सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का राष्ट्रीय प्रमाणीकरण जिला स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। स्वच्छ वातावरण, आवश्यक दवाओं की निरंतर उपलब्धता, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और सुव्यवस्थित रिकॉर्ड प्रणाली के माध्यम से ही ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं संभव हैं। इससे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मिलेगी नई पहचान
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। इन केंद्रों का राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी वही गुणवत्ता उपलब्ध हो, जो किसी मानक स्वास्थ्य संस्थान से अपेक्षित होती है। यह प्रक्रिया जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को नई पहचान और मजबूती प्रदान करेगी।
डी-क्यू-ए-सी द्वारा किया गया यह निरीक्षण दिसंबर माह में प्रस्तावित राष्ट्रीय एसेसर के मूल्यांकन की तैयारियों को और सुदृढ़ करता है। यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि किशनगंज जिला गुणवत्ता-आधारित, भरोसेमंद और सशक्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है।